कार्यक्रम सलाहकार समिति की बैठक
उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय डबोक के अन्तर्गत संचालित भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अन्तर्गत संचालित सीटीई कार्यक्रम सलाहकार समिति की बैठक सोमवार को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन प्रतापनगर में वाइस चांसलर प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत की अध्यक्षता में हुई।
विशिष्ट् अतिथि माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर के जिला शिक्षा अधिकारी इजहार अहमद तथा नोडल एजेंसी आईएएसई बीकानेर के हरी प्रकाश शर्मा थे तथा बैठक में विभिन्न जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी एवं शिक्षाविद् डॉ. एमपी शर्मा तथा प्रो. केसी मालू उपस्थिति हुए। अतिथियों का स्वागत प्राचार्य शशि चितौड़ा ने किया। सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रतिवेदन एवं प्रस्तावित कार्ययोजना सीटीई समन्वयक डॉ. सरोज गर्ग ने दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बीएल श्रीमाली ने किया जबकि धन्यवाद डॉ. बलिदान जैन ने दिया।
डॉ. शशि चितौड़ा ने बताया कि बाल अधिकार एवं किशोर अवस्था शिक्षा, शांति के लिए शिक्षा, पर्यावरण शिक्षा, पुस्तकालय विज्ञान शिक्षा, केरियर एवं क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षा, कम्प्यूटर एवं श्रृव्य दृश्य शिक्षा, मूल्य शिक्षा, स्वास्य्वं एवं योग शिक्षा, सहित विभिन्न विषयों पर पूरे वर्ष कार्यशालाएं आयोजित की जायेगी। इनमें डूंगरपुर, बांसवाडा, चितौड़गढ़ एवं राजसमंद, सिरोही, भीलवाड़ा जिलों के शिक्षक भाग लेंगे।
स्किल डेवलपमेन्ट, रिसर्च एवं क्वालिटी एज्यूकेशन को दे प्राथमिकता : उच्च शिक्षा के शिक्षकों से कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने आव्हान किया कि प्रोफेसर 50 फीसदी टीचिंग पर तो 50 फीसदी रिसर्च पर ध्यान दें। ज्यादा से ज्यादा क्वालिटी एज्यूकेशन व शोध वर्क को महत्व दें तथा विद्यार्थियों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करें। उन्होने कहा कि भावी योजनाओं में कौशल आधारित पाठ्यक्रम पर अधिक से अधिक जोर दिया ज तथा उच्च शिक्षा से जुडे़ प्रबंध पत्रों को अधिक से अधिक जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को मानसिक स्तर पर मजबूत बनाने की आवश्यकता है। इन सेवारत प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों को मानसिक स्तर पर मजबूत किया जा सकता है। कौशल आधारित प्रशिक्षण विद्यार्थी को विद्यालय स्तर पर से प्रारम्भ किया जाना चाहिए।