उदयपुर। महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण महोत्सव के तहत् कूर्म स्वरूप पार्थेश्वर भगवान महाकालेश्वर को विराजमान किया गया जो (कूर्म) विष्णु भगवान के प्रतीक स्वरूप में पूजे जाते है।
कूर्म अर्थात् विष्णु भगवान ने अपनी पीठ पर सम्पूर्ण पृथ्वी को धारण कर रखा है। मानव जीवन के कल्याण एवं धर्म पथ की ओर चलाने की प्रेरणा प्रदान करते है। सम्पूर्ण मानव जगत धर्म और सत्य की सीढ़ी पर चढ़कर इस भवसागर से मुक्ति प्रदान कर सके इसी कामना की पूर्ति के उद्देश्य से कूर्मासन पर भगवान महाकाल को विराजमान किया गया। क्योंकि जिस प्रकार बुरा ग्रह वाणी एवं बुद्धि का प्रतीक है उसी प्रकार कूर्मासन पर विराज के भगवान महाकाल व्यक्ति विशेष को वाणी का ठीक एवं सत्य के उपयोग एवं अपने जीवन संयम परोपकार एवं धर्म पर चलकर संसार में व्याप्त पाप को मिटा सत्य की स्थापना कर सके। यह जानकारी पार्थेश्वर पूजा के आचार्य नीरज शर्मा ने दी।