दर्शक भाव-विभोर, नाट्य, गीत की प्रस्तुतियों ने मोहा मन
उदयपुर। तेरापंथी सभा के तत्वावधान में शहर की सभी ज्ञानशालाओं का सांस्कृतिक कार्यक्रम अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में हुआ।
ज्ञानशाला संयोजक सुनीता बैंगानी ने बताया कि दोपहर में बच्चों को कायोत्सर्ग एवं अन्य प्रयोग करवाये गए। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में ज्ञानशाला नं 1 ने धर्म और क्रोध पर नाटक प्रस्तुत किया वहीं ज्ञानशाला 2 ने तुझ में रब दिखता है पर गीत पेश किया। तीसरी ज्ञानशाला ने मेरी पाठशाला पर गीत, चौथी ने बिजी लाइफ पर एकांकी, पांचवी ने दर्शन, ज्ञान, चारित्र, सुख पर सांग और छठी ज्ञानशाला ने पर्यावरण सरंक्षण आधारित एकांकी प्रस्तुत की। रजत जयंती पर ज्ञानशाला 1 ने विशेष प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में शत प्रतिशत उपस्थिति वाले गर्व पोरवाल, वंशिका कोठारी, मैत्री सिंघटवादिया, कोमल पोरवाल को सम्मानित किया गया। ज्ञानशाला के लिए स्थान देने वाले मोतीलाल कच्छारा, सुरेश पोरवाल, कन्हैयालाल चोरडिया का सम्मान किया गया। ज्ञानशाला 1 को श्रेष्ठ तथा इसकी प्रशिक्षिका कविता बड़ाला को श्रेष्ठ घोषित किया गया। सम्मान सभा के कॉषाध्यक्ष महेंद्र सिंघवी ने प्रदान किये।
80 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति वाली प्रशिक्षिकाएँ सुनीता नन्दावत, मीना सिंघवी, सरिता कोठारी, कविता बड़ाला, प्रेक्षा जैन, तारा कच्छारा, हेमलता इंद्रावत, सरोज सोनी, सीमा बाबेल, बसंत कंटालिया को विशेष सम्मान दिया गया। 25 बोल कंठस्थ करने वाले लक्ष्य जैन, ऋषभ इंटोदिया को रजत पदक प्रदान किया गया। उपसिका के रूप में चयनित बसंत कंटालिया, संगीता पोरवाल, कमला कंटालिया का साहित्य एवं रजत पदक से सम्मान किया गया। मोतीलाल कच्छारा ने 5001, दलीचंद चव्हाण ने 1100 रुपये ज्ञानशाला को प्रदान किये। कार्यक्रम का संयोजन संगीता पोरवाल ने किया। कार्यक्रम की सफलता में निदेशक फतहलाल जैन, सूर्यप्रकाश मेहता, राजेन्द्र बाबेल, अरुण चव्हाण और विनोद मांडोत द्वितीय का विशेष सहयोग रहा।