तेरापंथ समाज: चित्त की निर्मलता का विकास होता है जप से
उदयपुर। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के तत्वावधान में अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में पर्युषण महापर्व के तहत गुरुवार को जप दिवस पर अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में नमस्कार महामंत्र के सवा करोड़ जप किये गए।
तेयुप अध्यक्ष अरुण मेहता ने बताया कि केंद्र के निर्देशानुसार एक समय, एक साथ, एक मंत्र, एक धुन पर गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए यह कीर्तिमान स्थापित किया गया। केंद्र से मिली ऑडियो सीडी पर जप किये गए। 1 घंटे तक चले जप में 850 से अधिक श्रावक-श्राविकाओं ने महामंत्र का जप किया। कार्यक्रम में मंत्री कमलेश परमार, उपाध्यक्ष अजित छाजेड़ सहित पूरी कार्यकारिणी ने सक्रिय सहयोग दिया।
जप दिवस की महत्ता बताते हुए शासन श्री मुनि सुखलाल ने कहा कि आज यह दिवस नए रूप में मनाया गया। यूँ तो सभी जप करते हैं लेकिन एक समय, एक साथ, एक मंत्र, एक धुन पर मंत्र का जप अलग ही प्रभाव छोड़ता है। तेयुप ने इसे नए रूप में ढाला है। जप करना और उसका नाम गोल्डन बुक में आने का अर्थ प्रसिद्धि पाने या अपने अहंकारवश जप नही कर रहे लेकिन नवकार मंत्र इतना पवित्र है जिसकी जानकारी दुनिया को होनी चाहिए। हमारा लक्ष्य अपना ध्यान है। भटकते हुए मन को रोकने के लिए इन जप का सहारा लिया गया है।
मुनि मोहजीत कुमार ने कहा कि मंत्रों के जप के बारे में कहने को बहुत कुछ है। पूरा मंत्र विज्ञान है। मंत्रों के जाप से चित्त की निर्मलता का विकास होता है, मन की प्रसन्नता प्रकट होती है, आनंद की अनुभूति होती है, विघ्नों का उपशमन होता है, भावों में मंगल ही मंगल प्रकट होता है, शक्ति का संवर्धन होता है। आभामंडल की पवित्रता सधती है और शक्ति और ऊर्जा का विकास होता है। बच्चों को इसके बारे में बताया जाना चाहिए। जो नवकार मंत्र को मानता है वो जैन है। उसे जैनत्व की प्राप्ति हो गयी।
मुनि भव्य कुमार ने भी जप दिवस पर विचार व्यक्त किये।बाल मुनि जयेश कुमार ने गीत जाप जप लो.. जाप कहते हैं उसे जो जपा जाता है.. के माध्यम से जप दिवस की महत्ता बताई।