पेसिफिक विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेन्ट में विभिन्न फोरम गतिविधियों का आयोजन हुआ। इन प्रतियोगिताओं एवं कार्यशालाओं में विद्यार्थियों को अपनी रूचि अनुसार विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित अपनी प्रतिभाओं का निखारने का अवसर प्राप्त हुआ।
डीन प्रो. महिमा बिड़ला ने बताया कि पेसिफिक फैकल्टी ऑफ मैनेजमेन्ट में प्रबन्धन कोर्स में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए सामान्य पाठ्यक्रम के अलावा ऐसी अनेक गतिविधियों आयोजित की जाती हैं जिससे वे पास आउट होने वाले साधारण एम.बी.ए. ग्रेजुएट्स की भीड़ से ऊपर उठकर विशिष्ट योग्यता हासिल करें और इन्डस्ट्री में अच्छी नौकरियाँ पा सकें अथवा अपना स्वयं का स्टार्ट-अप आरम्भ करने का आत्मविश्वास विकसित कर सकें।
महाविद्यालय के एच.आर. फोरम द्वारा ‘खुशी-प्रबंधन’ पर कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें 68 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कार्यशाला में छात्र-छात्राओं को आज के तनावपूर्ण प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में मिलने वाली चुनौतियों से उत्पन्न भावनात्मक उथल-पुथल के दौर में वास्तविक प्रसन्नता की अवधारणा को समझने का अवसर मिला। कार्यशाला में प्रो. हरविन्दर सोनी ने संयुक्त राष्ट्र की ‘वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट’ पर चर्चा करते हुए भारत की रैंकिंग के बारे में बताया। प्रो. सोनी ने छात्र-छात्राओं को प्रसन्नता-प्रबन्धन के गुर सिखाए। जिनमें आध्यात्मिकता, फिटनेस तथा सामाजिक व इमोशनल इन्टेलीजेन्स प्रमुख है। कार्यशाला में प्रश्नोत्तरी के माध्यम से सभी प्रतिभागियों की खुशी का स्तर भी मापा गया।
इसी प्रकार ‘फाइनेन्स फोरम’ द्वारा जी.एस.टी. फ्रेमवर्क पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में सी.ए. रोहित मंगल ने जी.एस.टी. प्रणाली के विभिन्न पहलुओं को समझाया। उन्होंने जी.एस.टी. प्रणाली के नियमों के अनुसार लेखांकन, कर जमा करवाना एवं रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी तथा छात्र-छात्राओं की शंकाओं एवं प्रश्नों का भी समाधान किया।
इसी क्रम में मार्केटिंग फोरम द्वारा आयोजित रोचक गतिविधि में छात्र-छात्राओं ने मार्केटिंग क्षेत्र में अपना हुनर दिखाया। इस गतिविधि के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं को निवेश हेतु सीमित एवं छोटी धनराशि दी गई जिससे उन्हें कुछ भी माल खरीदकर उसका विपणन कर, लाभ कमाना था। इस गतिविधि के द्वारा विद्यार्थियों को बाजार में किसी उत्पाद का विपणन करने में आने वाली समस्याओं व चुनौतियों को वास्तविक धरातल पर समझने का अवसर मिला। विजेता टीम ‘बैक बेन्चर्स’ मंे दही में निवेश कर, छाछ का उत्पादन किया एवं उसका विक्रय कर सफल व्यापारियों की तरह अच्छा मुनाफा कमाया।