उदयपुर। श्री जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक जिनालय संघ की ओर से आज प्रातः हिरणमगरीे से. 4 स्थित श्री शंातिनाथ जिनालय आराधना भवन से चतुर्विद संघ के साथ वरघोड़ा निकाला गया।
वरघोड़े में ढ़ोलवाद के पीछे जैन ध्वज लिये घुड़सवार चल रहे थे। वरघोड़े में साथ चल रही सुजज्जित दो बग्गियों तपस्वी बिराजमान थे। बग्गियों के पीछे माता त्रिशला को आये 14 स्वप्नों से सजे थाल लेकर श्राविकाएं चल रही थी। साथ ही जैन भजनों की स्वरलहरियंा बिखेरता हुआ बैण्ड चल रहा था। स्वरलहरियों पर श्रावक-श्राविकाएं नाचते गाते चल रहे थे।
बैण्ड के पीछे आचार्य जिनदर्शन सुरीश्वर महाराज आदि ठाणा एवं उनके पीछे श्रावक धवल वस्त्रों में साथ चल रहे थे। पीछे-पीछे भगवान की सुरम्य पालकी श्रावक अपने कंधों पर उठाएं भगवान को नगर भ्रमण करा रहे थे। पालकी के पीछे साध्वीवृन्द एवं उनके पीछे रंग-बिरंगे वस्त्रों में सजी-धजी श्राविकाएं चल रही थी।
वरघोडा क्षेत्र के विभिन्न मार्गो से होता हुआ पुनः जिनालय पंहुचा। प्रभु को पोखने के लाभार्थी सुशील बंाठिया एवं परिवार रहे। संघ अध्यक्ष सुशील बाठियंा ने बताया कि पयुर्षण पर्व के उपलक्ष में वरघो ड़ा निकाला गया।
सोमवार को आचार्य श्री धर्मसभा में यह बतायेंगे कि अष्टप्रकारी पूजा के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखना पड़ता है।