उदयपुर। पेसिफिक विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ़ इंजीनियरिंग में 50 वां इंजीनियर्स डे मनाया गया जिसकी थीम रोल ऑफ़ इंजीनिइयर्स इन डेवलपिंग इंडिया रखी गई। सिविल संकाय द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत सर विश्वेश्वरैया की तस्वीर पर माल्यार्पण के साथ हुई। संस्था निदेशक पीयूष जवेरिया ने इंजीनियरिंग क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं तथा जरूरतों के बारे में जानकारी दी। संस्था प्रधानाचार्य डॉ. गजेंद्र पुरोहित ने प्रतियोगियों के प्रयास की प्रशंसा करते हुए उज्जवल भविष्य के लिए बधाई दी। कार्यक्रम में सिविल संकाय के छात्रों के लिए पोस्टर मेकिंग, विज्ञापन अभिनय तथा क्विज़ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संकाय सदस्य अजय नागदा द्वारा अहमदाबाद से मुंबई तक चलने वाली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के बारे में छात्रों को विस्तारपूर्वक बताया गया। संकाय के चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थियों को चिरवा में निर्मित सुरंग तथा गणेश टेकरी नाथद्वारा में निर्माणाधीन भगवान शिव की प्रतिमा का निरीक्षण करवाया गया। संचालन सिविल संकाय विभागाध्यक्ष केतकी मूंदड़ा ने किया।
स्वच्छता से ही विकास : स्वच्छता रखना, स्वच्छता सुनिश्चित करने वाली तकनीकी विकसित करना तथा स्वच्छता श्रमदान में स्वयं जुटना सबसे बड़ी सेवा है। इसी से भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा। यह विचार शुक्रवार को विद्या भवन पॉलीटेक्निक सभागार में आयोजित अभियन्ता दिवस समारोह में व्यक्त किये गए।
कार्यक्रम का आयोजन इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स व इण्डियन सोसायटी फोर टेक्नीकल एज्युकेशन के स्टूडेन्ट चेप्टर द्वारा पॉलीटेक्निक पूर्व विद्यार्थी संस्था के तत्वावधान में किया गया। मुख्य वक्ता डॅा. मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष, प्रसिद्ध अभियन्ता, प्रबन्धन विशेषज्ञ मानव सिंह ने कहा कि उदयपुर सहित पूरे विष्व में कचरा व गंदगी एक बहुत बड़ी समस्या है। सरकार व प्रशासन के भरोसे पूर्ण स्वच्छता सुनिश्चित नहीं हो सकती। इसके लिए सक्षम व सतत् नागरिक प्रयास जरूरी है। अभियन्ता वर्ग अपनी तकनीकी कुशलता व प्रत्यक्ष कार्य से इस समस्या के निराकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
मानव सिंह के आह्वान पर उपस्थित तकनीकी विद्यार्थियों ने झील स्चच्छता श्रमदान में प्रति सप्ताह दो घण्टे जुटने का संकल्प व्यक्त किया। संस्था के पूर्व विद्यार्थी वास्तुविद् बीएल मंत्री ने कहा कि एक संवेदनशील, परिश्रमी व सेवाभावी व्यक्ति ही सफल अभियन्ता बन सकता है। प्राचार्य डॉ. अनिल मेहता ने स्वच्छता ही सेवा विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वच्छता से ही देश की जीडीपी बढ़ेगी, जनस्वास्थ्य सुधरेगा व देष की उत्पादकता में अभिवृद्धि होगी। प्राध्यापक जयप्रकाश श्रीमाली ने मोक्षगुण्डम विष्वैष्वरैया जी का जीवनवृत प्रस्तुत किया।