हिन्दुस्तान ज़िंक यषद भवन में ग्रीन बिल्डिंग जागरूकता सत्र
उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक के यषद भवन में हिन्दुस्तान जिंक एवं इण्डियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल सीआईआई हैदराबाद द्वारा शुक्रवार को जागरूकता सत्र आयोजित किया गया जिसका उद्धेष्य राजस्थान में ग्रीन बिल्डिंग हेतु जागरूकता लाना है।
वेदान्ता समूह की कंपनी हिन्दुस्तान जिंक का यषद भवन कन्फेडरषन ऑफ इण्डिया द्वारा आईजीबीसी ग्रीन एग्जिस्टिंग बिल्डिंग्स रेटिंग के लिए प्लेटीनम रेटिंग अवार्ड से सम्मानित है। यह भवन हरा-भरा, जल क्षमता, ऊर्जा दक्षता, नवाचार, स्वस्थ एवं स्वच्छ वातावरण, उत्कृष्ट प्रबन्धन एवं सुविधा युक्त है।
मुख्य अतिथि महापौर चंद्र सिंह कोठारी ने हरित पर्यावरण की आवष्यकता और महत्व पर प्रकाश डालते हुए सरकार द्वारा इस हेतु चलाये जा रहे अभियान और योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने हिन्दुस्तान जिं़क को बधाई देते हुए कहा कि उदयपुर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिये कम्पनी का बहुत बडा योगदान रहा है। उन्होंने सभी का आव्हान करते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी बनाने के लिये आमजन का सहयोग आवश्य क है। उदयपुर नगर निगम, सौर उर्जा को बढावा देने के लिये सरकार द्वारा तय 30 प्रतिशत सब्सिडी के अतिरिक्त 10 प्रतिशत सब्सिडी दे रहा है जिसका सभी को लाभ लेना चाहिए ताकि सिमित संसाधनो का संरक्षण एवं विकल्प उपयोग में लिया जा सके।
हिन्दुस्तान जिंक के हेड कार्पोरेट अफेयर्स प्रवीण जैन ने सभी का स्वागत करते हुए यषद भवन को सीआईआई-आईजीबीसी द्वारा सम्मानित करने के पहलुओं और पर्यावरण एवं अनुकूल वातावरण हेतु उठाएं गये कदमों के बारे मे जानकारी दी।
हिन्दुस्तान जिंक के प्रधान कार्यालय को पूर्णरूप से ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित किया गया है और यह सौर ऊर्जा से संचालित है। हिन्दुस्तान जिंक के सभी परिसर एवं संयंत्रों में 13 लाख से अधिक वृक्षारोपण है। हिन्दुस्तान जिंक भारत का एकमात्र एवं दुनिया का अग्रणी जस्ता-सीसा एवं चांदी उत्पादक कंपनी है जिसे सीआईआई-आईजीबीसी ने इस सम्मान से नवाजा है। सीआईआई आईजीबीसी के काउंसलर ने कहा कि सरकार एवं अन्य हितधारकों के सहयोग से आईजीबीसी देष में हरित भवन आंदोलन की अगुवाई कर रही है। वर्तमान में भारत में 4.66 अरब वर्ग फुट में 4,200 से ज्यादा बिल्डिंग आईजीबीसी में पंजीकृत है जो कि विष्व में दूसरा सबसे बडा स्थान रखता है।
हिन्दुस्तान जिंक के हेड कार्पोरेट कम्यूनिकेशन पवन कौशिक ने बताया कि हरियाली के लिए उत्कृष्टकता एवं आधुनिक तकनीक एवं नवाचार के साथ-साथ स्वस्थ एवं स्वच्छ वातावारण हेतु उठाये गये प्रभावी उपायों की पालना प्रत्येक स्तर पर सुनिष्चित की जाती रही है। हिन्दुस्तान जिं़क ने सौर ऊर्जा परियोजना विस्तार के तहत 115 मेगावाट के प्लांट लगाने जा रहा है, जिसमें से 12 मेगावाट देबारी स्मेल्टर एवं 4 मेगावाट के प्लांट राजपुरा दरीबा कॉम्प्लेक्स में स्थापित किये जा चुके हैं।
उल्लेखनीय है हिन्दुस्तान जिंक के यशद भवन में इस परियोजना के तहत 27 प्रतिशत ऊर्जा की तथा 37 प्रतिशत पानी की बचत हुई है। भवन के अंदर ताजा हवा के लिए वेंटिलेषन सिस्टम स्थापित गया है। 100 किलोवॉट अक्षय ऊर्जा की स्थापना की गई जिससे 162,000 यूनिट प्रतिवर्ष ऊर्जा पैदा हो रही है। ऊर्जा निष्पादन के ट्रेक नियंत्रण के लिए ऑनलाइन व्यवस्था है। भवन की सभी जगह बिजली, यूपीएस, वातानुकूलित, बाहरी बिजली उपकरणों सहित वाटर रिकार्ड के लिए मीटर्स स्थापित किये गये है।
हिन्दुस्तान जिंक ने राजस्थान सरकार के साथ 20 मिलियन टन प्रतिदिन क्षमता वाले पहला प्राईवेट-पब्लिक पार्टनरषीप सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया है जो कि उदयपुर को स्मार्ट सिटी बनाने के प्रयास में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा अब 20 मिलियन टन से बढ़ाकर इसकी क्षमता 60 मिलियन टन की जा रही है। जिससे उदयपुर की झीलों में मल का प्रवाह कम होने लगा है तथा झीलों की सुन्दरता में भी प्रभाव दिखने लगा है। हिन्दुस्तान जिंक को खनन एवं धातु क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए विष्व प्रसिद्ध प्रतिष्ठत संस्था डॉव जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स द्वारा किये गये मूल्यांकन के आधार पर 58 कंपनियों में से 82 प्रतिषत अंकों के साथ विष्व स्तर पर 11वां स्थान मिला है। कार्यक्रम में यूसीसीआई के अध्यक्ष हंसराज चौधरी, आर्किटेक्ट अभिषेक पटेल, शहर के जाने माने डेवलपर्स, आर्किटेक्ट्स, कान्टेªक्टर्स, ग्रीन प्रोडक्ट मेन्यूफेक्चर्स, सरकारी अधिकारी एवं शैक्षिक संस्थान के प्रतिनिधि उपस्थित थे।