उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील दुग्गल ने डॉ. पॉल टी. क्रेडाक, केटीएम हेगड़े, एलके गुर्जर एवं एल. विलीज द्वारा प्रारंभिक भारतीय धातु-विज्ञान पर आधारित पुस्तक का सोमवार को हिन्दुस्तान जिंक के प्रधान कार्यालय में विमोचन किया।
दुग्गल ने कहा कि इस क्षेत्र को संग्राहलय के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है जिससे आम जन विशेषकर विद्यार्थियों और पर्यटकों को हमारी विरासत से अवगत कराया जा सके। उन्होंने बताया कि प्राचीन खनन एवं प्रद्रावण पद्धतियों को चित्रों द्वारा प्रदर्शन किया जाए एवं विष्व स्तर का संग्राहलय बनाया जाए।
पुस्तक में राजस्थान के अरावली पहाड़ियों में प्रारंभिक धातु विज्ञान, उत्तर पश्चिम भारत में तीन सदियों से सीसा-जस्ता एवं चांदी का उत्पादन, हिन्दुस्तान जिंक की स्थापना जावर, राजपुरा-दरीबा एवं आगुचा खदानों के इतिहास एवं स्मारक का वर्णन, खनन प्रचालन का अनुसंधान, धरातलीय स्थलों पर सर्वेक्षण एवं उत्खनन, खदानों में औद्योगिक सामग्री का वैज्ञानिक परीक्षण, लाभकारी खनन, चांदी उत्पादन की प्रक्रिया, जस्ता एवं ब्रास का उत्पादन तथा 17वीं से 21वीं सदियों के दौरान विलुप्त और पुनरूद्धार-भारतीय उद्योग का विस्तृत वर्णन किया गया।
पुरातात्विक सर्वेक्षण के अनुसार राजस्थान की अरावली पहाड़ियों के तीन प्रमुख स्थानों जावर, दरीबा एवं आगुचा में धातु एवं खनन किया जाता था। उदयपुर से 45 कि.मी. दक्षिण में स्थित जावर की पहाड़ियों में आज से 3000 वर्ष पूर्व जस्ता-सीसा धातु का खनन एवं प्रद्रावण किया जाता था। पूरे क्षेत्र में फैले हुए प्राचीन खनन एवं प्रद्रावण अवशेष इस तथ्य के मूक प्रमाण है। आज भी जावर खदान में जस्ता धातु का मुख्य धातु के रूप में तथा चांदी का उत्पादन किया जा रहा है।
हिन्दुस्तान जिंक के हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेशन पवन कौशिक ने बताया कि उदयपुर में देश-विदेश से हजारों पर्यटक हर वर्ष घूमने आते हैं। जावर खनन की विरासत से अवगत कराने के लिए सग्रहालय बनने से देश-विदेश के पर्यटकों, आमजन एवं विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। विश्वय में सबसे पहले जस्ता-सीसा का उत्पादन भारत में हुआ था तथा इसका केन्द्र जावर रहा।
समारोह में हिन्दुस्तान जिंक के पूर्व निदेशक (खनन) एचवी पालीवाल, पूर्व वरिष्ठ खनन अधिकारी कानसिंह चौधरी, हिन्दुस्तान जिंक के भूतपूर्व वरिष्ठ भू-विज्ञानी एलके गुर्जर, हिन्दुस्तान जिंक के निदेशक (प्रोजेक्टस) नवीन कुमार सिंघल, हेड-कार्पोरेट रिलेशन्स प्रवीण कुमार जैन एवं जिंक के वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।