करणी माता प्राण-प्रतिष्ठा का आज पूर्ण विधि-विधान से भव्य शुभारंभ
उदयपुर। श्री मंशापूर्ण करणी माता ट्रस्ट के तत्वा-वधान में त्रि-दिवसीय भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आरंभ शनिवार सुबह 9 बजे दूधतलाई से भक्तों, विद्वान पण्डितों तथा महिलाओं द्वारा कलश में पवित्र जल को लेकर चूनड़ वेश में गणपति पूजन के साथ कलश जल यात्रा से हुआ।
विधायक फुलसिंह मीणा, जिला प्रमुख शांतिलाल मेघवाल, उपमहापोर लोकेश द्विवेदी, गिर्वा प्रधान तख्तसिंह शक्तावत ने झण्डी दिखाकर यात्रा प्रारम्भ कराई। शहर के प्रमुख समाजसेवी, राजनेता, जनप्रतिनिधि, विभिन्न संस्थाओं के प्रमुख आदि उपस्थित थे।
महोत्सव के संयोजक ललित चोपड़ा एवं संयोजक सुशील अग्रवाल ने बताया कि बैण्ड वाधकों द्वारा मधुर, धार्मिक, स्वर लहरियों एवं गीतों की धुन के साथ जब शीश पर महिलाएं जल एवं कलश मय फुल पत्तियो, श्रीफल केा लेकर 251 महिलाएं चुंदड़ी वेश में पक्तिबद्ध होकर करणी द्वार से वर्मा पार्क के लिये प्रस्थान किया तत्पश्चात् भक्तजन नाचते, गाते सीढ़ीयों एवं पाथवे से चढ़ने लगे तब भक्तिभाव पूर्ण माहौल में ‘चलो बुलावा आया है-माता ने बुलाया है…….’, जय मातादी-जय मातादी, जय करणी माता, करणी माता ने बुलाया है आदि उद्घोष के साथ शिखर स्थित हरीतिमा युक्त माछला मगरा की पहाड़ी के शिखर पर विराजमान श्री मंशापूर्ण करणी माता जी के नवनिर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हेतु प्रस्थान किया। सम्पूर्ण वातावरण धर्ममय होकर जगह-जगह विभिन्न संस्थान प्रमुखों द्वारा आरती, तिलक एवं पुष्पवर्षा द्वारा स्वागत किया गया।
जल कलश यात्रा में महिला पदाधिकारी सुमन दवे, ममता चोपड़ा, शिला कच्छवाहा, कल्पना धायभाई, संतोष गोयल, स्नेहलता झंवर, शंकुतलता गदिया, आशा धायभाई, अरूणा व्यास, हेमलता चौहान, आशा कुमावत, शारदा कुमावत, शारदा शर्मा, प्रमिला श्रीमाली, सीता अग्रवाल, उर्मिला पोखरना आदि के नेतृत्व में सम्पूर्ण यात्रा सम्पन्न हुई।
महोत्सव के संयोजक ललित चोपड़ा, सुशील अग्रवाल ने बताया कि महोत्सव के शुभारंत दिवस पर शिखर पर जल कलश यात्रा के पहुंचने पर ट्रस्टीगण जगदीश अग्रवाल, दिग्विजय श्रीमाली, सम्पतसिंह कच्छवाहा, गोपाल शर्मा, चन्द्रशेखर कुमावत, कृष्ण गोपाल झंवर, मनोहरलाल पोखरना, राकेश गदिया, हरिश किशनानी, पन्नालाल कुमावत आदि ने परम्परागत तरीके से माता एवं बहनों का स्वागत एवं अभिनन्दन किया। तत्पश्चात् शतचण्डी दुर्गापाठ का शुभारंभ प्रसिद्ध विद्ववान पं. आचार्य कमला प्रसाद बोहरा घाणेराव वाले एवं उदयपुर के पं. सुरेश त्रिपाठी के संयोजन में प्रारम्भ हुआ। श्री गणपति पुजन एवं जलयात्रा के पश्चात् मण्डप प्रवेश, श्री मातृका पीठ-पुजन, श्री ब्रह्मा पीठ-पुजन, श्री ब्राह्मण वरण पुजन, श्री वास्तु पीठ पुजन, श्री योगिनी पीठ पुजन, श्री क्षैत्रपाल पीठ पुजन, श्री प्रधान पीठ श्री गौरी तिलक मण्डल पुजन, श्री मण्डप पुजन, श्री शतचंडी दुर्गापाठ प्रारंभ एवं अन्ताधिवास मूर्ति दण्ड कलश कार्यक्रम मंत्रोचार के साथ प्रारम्भ हुआ।
समस्त ट्रस्टीगण एवं कार्यसमिति टोली के ओमप्रकाश टांक के कुशल संयोजन में समस्त भक्तगणों एवं श्रृद्धालुओं केा अल्पहार एवं प्रसाद पूरे दिवस मनोभाव से वितरित किया गया।
महोत्सव के संयोजक ललित चोपड़ा, सुशील अग्रवाल ने बताया कि दिनांक 3 दिसम्बर, रविवार केा पीठ-पूजन, शतचंण्डी-दुर्गा पाठ में अग्नि स्थापना, नवग्रह पूजन, शतचण्डी हवन प्रारंभ, मूर्ति जलाधिवास, प्रसाद, शिखर, न्यास अभिषेक, मूर्ति श्याधिवासः, पुष्पाधिवास, संगधादिवास मूर्ति-न्यास, प्राण प्रतिष्ठा के कार्य प्रारम्भ होगें।