उदयपुर। वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति का नवां स्थापना दिवस योग सेवा समिति परिसर में रंगारंग संास्कृतिक कार्यक्रमों के साथ समिति के 75 वर्ष पार 21 सदस्यों का सम्मान किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि नगर विकास प्रन्यास चेयरमेन रविन्द्र श्रीमाली, विशिष्ट अतिथि पूर्व महापौर रजनी डांगी, शांतिलाल सरणोत, ओपी चपलोत, वैद्य बीआर तनेजा थे।
श्रीमाली ने कहा कि स्वयं के लिये तो जानवर भी जीवन जीते है लेकिन औरों के लिये जीवन जीना वास्तविक जीवन है। स्व.डॉ. दक ने शहरवासियों को योग सीखाकर उनके जीवन को बेहतर बनाने का कार्य किया था। रजनी डांगी ने कहा कि डॉ. दक ने उमंग का नाम सार्थक करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। रफीक अहमद ने कहा कि डॉ. दक के कारण ही वे स्वस्थ है। ओ.पी.चपलोत ने कहा कि दक ने जितनी संस्थाएं प्रारम्भ की, वे आज भी निर्बाध रूप से चल रही है। तनेजा ने कहा कि डॉ. दक ने जीवन में औरों के लिये ही जीना सीखा था और ताउम्र वे इसी पर चलते रहे। शांतिलाल सरणेात ने कहा कि मनुष्य जीवन के अंतिम समय तक भी सीखना नहीं छोड़ा चाहिये क्योंकि सीखते रहने से मनुष्य हर समय युवा ही रहता है।
इन 75 वर्ष पार सदस्यों का सम्मान : श्रीमाली, रजनी डांगी, प्रेम दक सहित सभी अतिथियों ने 75 वर्ष पार सदस्यों रोशनलाल कोठारी, मदनलाल विजयवर्गीय, जोगेन्द्रसिंह सलूजा, डॉ. एसएन जोशी, सीएस कावड़िया, बीएस बक्षी, सोहनलाल तम्बोली, रेखा मोगरा, फतहलाल नागौरी, ओंकार दशोरा, शिवदानसिंह तलेसरा, गौतम कोठारी, हिरेन्द्र कुमार शर्मा, चतरसिंह मुणोत, चन्द्रशेखर सनाढ्य, सुशीला सनाढ्य, नरेन्द्र शर्मा, सुशीला शर्मा, वीडी डिडवाणिया, इन्द्रा डिडवाणिया, सुजानसिंह छाबड़ा को शॉल, उपरना, पगड़ी एवं स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
समारोह में आलोक पगारिया ने कविता बुढ़ापे में ही असली ठाठ है..का पाठ कर तथा सुश्री अरूणिमा सुराणा ने भवई नृत्य, चन्द्रशेखर सनाढ्य, सुशीला सनाढ्य नेऐ मेरी जोहरे ज़बी गीत पर नृत्य को सभी को आनन्दित कर दिया। दिलीप सुराणा ने गीत दुनिया से जाने वाले जाने चले जाते है कहंा… गाकर अपना एक अलग परिचय दिया। तीन बालिकाआंे एवं चन्द्रकला मेहता एवं ग्रुप ने समूह नृत्य की प्रस्तुति दी। प्रारम्भ में समिति अध्यक्ष प्रकाश वर्डिया ने अतिथियों का स्वागत किया। सचिव आर.के.जोशी समिति के कार्यकलापों की जानकारी दी। अंत में शंातिलाल मेहता ने आभार ज्ञपित किया।