उदयपुर। यहां शिल्पग्राम में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित शिल्पग्राम उत्सव में सजने वाला हाट बाजार में जहां विभिन्न प्रकार की कलात्मक वस्तुएं देखने व खरीदने को मिलेगी वहीं हाट बाजार शिल्पकलाओं के अनुरूप होगा।
केन्द्र निदेशक फुरकान ख़ान ने बताया कि शिल्पकारों को कलात्मक उत्पाद बेचने के लिये बाजार उपलब्ध करवाने तथा बिना मध्यस्थ के उत्पाद सीधे उपभोक्ता को बेंचने के उद्देश्य से आयोजित शिल्पग्राम उत्सव में विकास आयुक्त हस्तशिल्प नई दिल्ली, विकास आयुक्त हथकरघा नई दिल्ली, नेशनल जूट डेवलपमेन्ट बोर्ड तथा ट्राइफेड के साथ-साथ देश के अन्य क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों के शिल्पकार उदयपुर आयेंगे।
उन्होंने बताया कि लोगों की सुविधा को दृष्टिगत रखने तथा उत्पाद के चयन को सहज बनाने के लिये शिल्पग्राम के हाट बाजार को शिल्पवार सजाया जा रहा है। इसके लिये विभिन्न शिल्प क्षेत्र बनाये गये हैं। हाट बाजार में मिट्टी की कलात्मक वस्तुएँ ‘‘मृण कुंज’’ में मिलेगी, धातु के बने उत्पाद ‘‘धातु धाम’’ में, आभूषण तथा अन्य अलंकरण ‘‘अलंकार’’ में लोगों को उपलब्ध हो सकेंगे।
हाट बाजार में ही जूट की कलात्मक वस्तुएँ ‘‘जूट कला’’, कपड़े के लिये ‘‘वस्त्र संसार, चर्म उत्पादों के लिये चर्म शिल्प, ऊनी वस्त्रों के लिये ‘‘ऊनी वस्त्र’’ इनके अलावा अन्य शिल्प वैविध्य ‘‘विविधा’’ में उपलब्ध होंगे। वहीं दर्पण सभागार के समीप ‘‘दर्पण बाजार’’ सृजित किया गया है।
हाट बाजार में ही आगंतुकों को शिल्पग्राम के विभिन्न थड़ों पर लोक प्रस्तुतियाँ निहारने का अवसर मिलेगा। थड़ों पर कच्छी घोड़ी, चकरी, मांगणियार, कथौड़ी, बेड़ा रास, गैर, बोहाड़ा, सहरिया स्वांग, मशक वादन, बहुरूपिया, कठपुतली, जादूगर, नगाड़ा वादन, तेजाजी, वसावा, धनगरी गजा, टिप्पणी, तारपा ढोल, गवरी, नट करतब, भोपा-भोपी, शहनाई नगाड़ा, मशक वादन व अलगोजा वादन के कलाकार कला प्रदर्शन करेंगे।