उदयपुर। खूबसूरत पिछोला झील में तैरता कचरा,झील में समाहित होता सीवर तथा झील में बढ़ रही खरपतवार स्मार्ट सिटी के प्रशासन व नागरिको की गम्भीरता पर सवाल खड़ा करता है।
झील मित्र संस्थान,झील संरक्षण समिति व गांधी मानव कल्याण सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित रविवारीय श्रमदान द्वारा पिछोला के अमरकुण्ड व हनुमान घाट क्षेत्र से भारी मात्रा में शराब पानी की बोतले, पॉलीथिन, फ़ूल मालाये, नारियल, घरेलू कचरा व जलीय खरपतवार निकाली।श्रमदान में मोहन सिंह चौहान, रमेश चंद्र राजपूत, राम लाल गहलोत, कनिष्क चौहान, तेज शंकर पालीवाल व नन्द किशोर शर्मा ने भाग लिया।
श्रमदान पश्चात आयोजित वार्ता में झील प्राधिकरण के सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने कहा पिछोला तालाब के किनारे सिवर सिस्टम पूरी तरह फ़ेल हो गया है ।सिवर मेन होल से उफनता हुआ मल मूत्र सड़को पर फेल कर तालाब में जा रहा है इस समय नगर में पर्यटको को मल मूत्र लांग कर सड़क पार करनी पड रहीं है हनुमान घाट के पास पंच देवरिया आदि स्थानो पर स्थिति ज्यादा खराब है नगर निगम को साफ सफाई पर ध्यान देना चाहिए
गांधी मानव कल्याण सोसायटी के निदेशक नन्द किशोर शर्मा ने कहा कि झीले पेयजल स्त्रोत है झीलों को कचरा पात्र समझ फेकी जा रही सामग्री से न सिर्फ झीलों की सुंदरता वरन पानी भी खराब होता है।प्रशासन को इसकी रोकथाम हेतु शक्ति बरतनी चाहिए और पेट्रोलिंग को मजबूत बनाने की जरूरत है।
इस संबंध में डॉ अनिल मेहता ने कहा है कि जब तक सड़क पर, झील में गंदा पानी व कचरा रहेगा उदयपुर कभी स्मार्ट सिटी नही बन सकेगा।