जैन राष्ट्रीय अल्पसंख्यक सेमिनार
उदयपुर। श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा की ओर से रविवार को टाउनहॉल स्थित सुखाड़िया रंगमंच पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक जैन सेमिनार का आयोजन किया गया।
जिला कलेक्टर विष्णुचरण मलिक ने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों में सरकारी योजनाओं का लाभ, दस्तावेज, जानकारियां समाज के बीपीएल लोगों तक पंहुचे ऐसी व्यवस्था समाज स्तर पर की जानी चाहिये।
अखिल राजस्थान जैन अल्पसंख्यक महासंघ के अध्यक्ष विमल रांका ने कहा कि सरकार द्वारा अल्पसंख्यक लोगों के लिये लागू योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि देश की 26 प्रतिशत इकोनोमी में योगदान देने वाले जैन समुदाय के देशभर में 35 प्रतिशत परिवार आज भी बीपीएल की श्रेणी में जीवन यापन कर रहे है। ऐसे लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचा कर उन्हें लाभान्वित किया जाना चाहिये।
रांका ने बताया कि देश के सेंसेक्स में आज हम मात्र 45 लाख हैं जबकि हमारी वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक है। हमें पंथों से उपर उठकर एकजुट होना होगा। उन्होंने महिलाओं का आव्हान किया कि वे अल्पसंख्यक योजना में स्कील डवलपमेन्ट की योजनाओं का लाभ उठाकर कारोबार प्रारम्भ कर सकती है। उन्होंने कहा कि दान छपाकर नहीं छिपवाकर किया जाना चाहिये।
राजस्थान अल्प संख्यक आयोग के सदस्य दिनेश जैन ने कहा कि 27 जनवरी 2014 को अल्पसंख्यक घोषित होने के 3 वर्ष बाद भी जैन समाज के लोग जानकारी के अभाव में इसकी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे है। अल्पसख्ंयक येाजनाओं का विस्तृत जानकारी देने हेतु आगामी 14 व 15 जनवरी को जीरावाला तीर्थ में दो दिवसीय अधिवेशन आयोजित किया जा रहा है। जिसमें मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे भी भाग लेगी।
fउदयपुर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुरेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि सरकार ने अल्पसंख्यकों के बच्चों के लिये शिक्षा के विभिन्न स्तर पर दी जाने वाली छात्रवृत्तियों,राजगारोन्मुखी योजनाओं की जानकारियां दी। उन्होेंने कहा कि समाज की महिलायें स्वयं सहायता समूह बनाकर सरकारी योजनाओं का लाभ ले कर जीवन में आगे बढ़़ सकती है। इसके लिये जिला अल्पसंख्यक विभाग में आवदेन किया जा सकता है।
जिला अल्पसंख्यक मामलात विभाग के कार्यक्रम अधिकारी मोहम्मद सलीम शेख ने बताया कि अल्पसंख्यक में पूर्व में पंाच जातियंा थी लेकिन अब जैन समाज को जोड़ने से यह छः हो गयी है। जिला स्तर पर वर्ष मंे जहंा 4 लाख तक के ऋण स्वीकृत होते है थे जो अब 5 लाख के हो गये है।
चेम्बर ऑफ कॉमर्स उदयपुर डिविजन के अध्यक्ष पारस सिंघवी ने कहा कि अल्पसंख्यक का दर्जा मिलने के बाद समाज की पूर्व एवं वर्तमान की स्थिति में बहुत अन्तर आया है। आज भी समाज में ऐसे अनेक लोगांे है जो अपने परिवार के दो लिये दो वक्त की रोटी का जुगाड़ भी नहीं कर सकते है। ऐसे लोगांे को ढूंढ कर उन तक सरकारी योजनाएं पहुंचायी जानी चाहिये।
एक्मे ग्रुप के निर्मल मालवी ने कहा कि आज भी जैन समाज के संत,श्रावक, धर्म स्थल सुरक्षित नहीं है। समाज की विधवा महिलाओं के पालन पोषण की व्यवस्था नहीं है। भले ही हम अल्पसंख्यक हो गये है लेकिन सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे है। सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शान्तिलाल वेलावत ने कहा कि सरकारी योजनाओं की जानकारी दूसरों के साथ भी बांटे ताकि यह जैन समाज के घर-घर तक पंहुच सकंे।
समाज सेवी राजकुमार फत्तावत ने कहा कि समाज को उदयपुर जिले का सामाजिक अंकेक्षण करवाना चाहिये ताकि समाज के परिवारों की आर्थिक स्थिति का पता लग सके।
मुख्य संयोजक सुन्दरलाल डागरिया ने कहा कि जानकारी के अभाव में सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित की गई राशि लेप्स हो रही है। इस पर ध्यान दिया जाना चाहिये।
संयोजक मुकेश मुण्डलिया ने बताया कि आयोजन स्थल के बाहर अल्पसंख्यक के सर्टिफिकेट बनवानें हेतु आवदेन जमा कराने के लिये लगाये गये काउन्टर पर जबरदस्त भीड़ रही। आज 1100 से अधिक लोगों ने सर्टिफिकेट बनवानंे के लिये आवदेन किया। इन सभी के सर्टिफिकेट बनकर शीघ्र आ जायेंगे। प्रारम्भ में महासभा के अध्यक्ष राजेश बी.शाह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस सेमिनार के आयेाजन का मुख्य उद्देश्य अल्पसंख्यकों के लिये लागू की गई योजनाओं की जानकारियां जैन समाज के लेागों तक पंहुचाना था। समारोह में नवकार ग्रुप द्वारा तैयार किये गये वार्षिक कलेण्डर का अतिथियों का द्वारा विमोचन किया गया। अंत में सुन्दरलाल डागरिया द्वारा आभार ज्ञापित किया गया।