उदयपुर। सिन्धी समाज के संत ओमप्रकाश शास्त्री ने कहा कि समाज में एव परिवार में एकता बनी रहे। ऐसे प्रयास करते रहने चाहिये क्योंकि समाज एवं परिवार में वैमनस्यता बएती जा रही है।
वे आज अपनी उदयपुर यात्रा के दौरान प्रेम प्रकाश मण्डली द्वारा जवाहरनगर स्थित झूलेलाल भवन में आयोजित सत्संग में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्कार है जो जीवन में दुख एवं तकलीफें बहुत कम होगी लेकिन यदि संस्कार नहीं है तो जीवन इससे भरा हुआ रहेगा। प्रेम प्रकाश मण्डली के संत ओमप्रकाश ने कहा कि समाज में हो रही उन्नति के बावजूद युवा संस्कार भूलते जा रहे है। अजमेर संस्थापक संत ने सभी को सेवा, सिमरन का सदैव संदेष दिया था। उनका कहना था कि हमें देश एंव मसाज की सेवा करनी चाहिये। इससे देश का विकास एवं उत्थान होगा और देश में एक नई चेतना जागृत होगी।
इससे पूर्व उनका आज यंहा पंहुचने पर मंडली के उपाध्यक्ष महेंद्र हेमनानी के निवास पर उनका स्वागत किया गया। महेन्द्र हेमनानी ने बताया कि संत ओमप्रकाश की अगवानी राजस्थान सिंधी अकादमी के अध्यक्ष हरीश राजानी, झूलेलाल सेवा समिति के अध्यक्ष प्रतापराय चुग, सहिती पंचायत के अध्यक्ष तीरथदास नेभनानी, बिलोचिस्तान पंचायत के अध्यक्ष नानकराम कस्तूरी, मुरली राजानी, लक्ष्मण जुरानी, राजेश चुग, राजेश खत्री, दीपेश हेमनानी, राहुल हेमनानी, विक्की राजपाल, किशन वाधवानी,गिरीश राजानी, ओमप्रकाश आहुजा, उमेश मनवानी, कमल वरधानी ने की। रात्रि विश्राम महेन्द्र हेमनानी के निवास पर ही रहा।