आलोक संस्थान के संस्थापक चेयरमेन, षिक्षाविद,् षिक्षा में राश्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त ष्यामलाल कुमावत का आज अषोक नगर स्थित मोक्षधाम पर अन्तिम संस्कार किया गया। कुमावत का कल स्वर्गवास हो गया था।
कुमावत को बड़े पुत्र डाॅ. प्रदीप कुमावत ने मुखाग्नि दी। श्री कुमावत का जन्म 2 अक्टूबर 1933 को बेहद गरीब परिवार में हुआ। 1953 में वे स्व. भानुकुमार जी षास्त्री के साथ जम्मू जेल में 6 माह रहे। विद्या निकेतन में प्रधानाध्यापक के रूप में उदयपुर लौटे। नव संवत्सर को स्थापित करने का श्रेय श्री कुमावत को जाता है। वे अखिल भारतीय नववर्श समारोह समिति के राश्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। आलोक पंचवटी, फिर हिरण मगरी, फतहपुरा, राजसमन्द और चित्तौड़ की स्थापना 2013 में की। 1984 में सर्वाेच्च राश्ट्रीय पुरस्कार तत्कालीन राश्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह द्वारा प्रदान किया गया। वे विभिन्न संगठनों से भी जुड़े रहे।
इस अवसर पर उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा, नारायण सेवा संस्थान के कैलाष मानव, नगर विकास प्रन्यास के अध्यक्ष रवीन्द्र श्रीमाली, महापौर चन्द्रसिंह कोठारी, उप महापौर लोकेष द्विवेदी, दिनेष भट्ट सहित अनेक गणमान्य लोग सहित हजारों लोग अन्तिम दर्षन को उमड़े।