उदयपुर। श्रमणसंघीय आचार्य डाॅ.शिवमुनि महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति में माता-पिता और गुरू इन तीन शब्द अनमोल है। मंदिरं, मस्जिद एवं गुरूद्वारा कहंी भी जाओं लेकिन यदि माता-पिता से आशीर्वाद नहीं लिया तो आपका मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा, स्थानक जाना बेकार है। वृद्ध माता-पिता की सेवा करना ही सच्ची पूजा, प्रार्थना और आराध्ना है। माँ श्रद्धा से भरा हुआ शब्द है।
वे आज महावीर सेवा समिति सेक्टर 5 में आयोजित विशाल धर्मसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम सभी भाग्यशाली है कि हमें भगवान महावीर के शासन में जन्म मिला है। हम चैरासी लाख जीव योनी में भटके है। हम तीर्थकरों के समवसरण में भी गए होगें लेकिन हमनें श्रद्धा के साथ भगवान की वाणी सुनी नहीं होगी,सुनी होगी तो जीवन में नहीं उतारी, उतारी होगी तो आज हम संसार में भटक नहीं रहे होते।
सीधे परमात्मा से जुड़े होने के बीच में किसी गुरू की आवश्यकता नहीं होती हैं। चुनना है तो किसी संबुद्ध गुरू को चुनना है। माता-पिता, संतान, पत्नि तो किस्मत से मिलते है मगर गुरू को हम चुन सकते है।
महावीर किसी को हाथ पकड़कर यानि कि अपने शिष्य गौतम स्वामी को भी नहीं लंे जा सके तो आपको कैसे ले जा सकेगें। भगवान आपको रास्ता दिखाते हैं। उस रास्ते पर चलोगें तो एक दिन निश्चित मोक्ष महल में प्रवेश कर सकते है।
आचार्यश्री ने कहा कि भगवान महावीर ने श्रद्धा पर विशेष जोर दिया है। श्रद्धा और विश्वास में जमीन, आसमान अन्तर है। श्रद्धा यानी नेचुरल फूल और विश्वास कागज के फूल के समान है जो बाजार में मिलते है दोनों में बहुत अन्तर होता है। नकली फूल अधिक चमकदार होगें ज्यादा दिन चलेगें लेकिन आरिजनल तो ओरिजनल होता है।
गोद लिया हुए सत्य पर नहीं, जन्म दिये हुए सत्य पर श्रद्धा करों। भगवान महावीर ने अपना सत्य स्वयं खोजा। आत्म ज्ञान, केवल ज्ञान प्रकट किया था। तुमनंे बहुत शास्त्र पढ़े होगें। गीत गाएं होगें। पर श्रद्धा के साथ पढ़ना जीवन का उद्धार करता है।
इससे पूर्व स्थानीय बहुमण्डल ने मंगल गीत गाकर आचार्यश्री, युवाचार्य महेन्द्र ऋषि का स्वागत किया। युवाचार्य श्री ने सभा में स्थायी सुख प्राप्त करने के तरीकें बतायें। प्रमुखमंत्री शिरीषमुनिश्री ने ध्यान से कैसे शांति मिले इस विषय पर उद्बोधन प्रदान किया।
प्रवचन सभा को चातुर्मास समिति के अध्यक्ष ओंकारसिंह सिरोया एवं संयोजक विरेन्द्र डांगी ने भी सम्बोधित किया। मंच का संचालन स्थानीय मंत्री ने किया।