हिन्दुस्तान जिंक की 52वीं वार्षिक आम सभा सम्पन्न
उदयपुर। विश्व की अग्रणी एवं भारत की एकीकृत जस्ता-सीसा एवं चाँदी उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिं़क के प्रधान कार्यालय के सभागार में कंपनी की 52वीं वार्षिक आम बैठक शुक्रवार को सम्पन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए वार्षिक आम बैठक के अध्यक्ष सुनील दुग्गल ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में कम्पनी का रिकाॅर्ड निष्पादन रहा है वर्ष के दौरान उत्कृष्ट अयस्क, खनित धातु, रिफाइण्ड जस्ता-सीसा एवं चांदी उत्पादन के साथ सर्वाधिक शुद्ध लाभ के साथ रिकाॅर्ड परिचालन एवं वित्तीय प्रदर्शन रहा है।
दुग्गल ने शेयरधारकों को बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में हिन्दुस्तान जिंक का उत्कृष्ट अयस्क, खनित धातु, रिफाइण्ड जस्ता-सीसा एवं चांदी के साथ-साथ सर्वाधिक ईबीआईटीडीए, शुद्ध लाभ, रिकाॅर्ड परिचालन तथा श्रेष्ठ वित्तीय प्रदर्शन रहा है। रिकाॅर्ड चांदी उत्पादन से हिन्दुस्तान जिं़क अब दुनिया की शीर्ष 10 चांदी उत्पादकों में से एक है। पंतनगर की सिल्वर रिफाइनरी को परिचालन उत्कृष्टकता के साथ सिल्वर की सिल्लियों की उच्च गुणवत्ता के आधार पर लदंन बुलियन मार्केट एसोसिएशन की ’गुड डिलिवरी सूची’ में शामिल किया गया है। कंपनी की खदानों से रिकाॅर्ड उत्पादन तथा चांदी प्राप्ति के लिए आधुनिक टेक्नोलाॅजी से कंपनी का आगामी 3 से 5 वर्षों में विश्व की शीर्ष 5 चांदी उत्पादकों में होने का लक्ष्य है। कंपनी अपनी स्टेªटजिक विज़न के अनुसार वर्तमान में आउटपुट 0.95 मिलियन टन से बढ़ाकर 1.5 मिलियन टन प्रतिवर्ष करने की ओर अग्रसर है और मुझे यह बताते हुए अति प्रसन्नता है कि इस विस्तार के लिए पहले चरण की मंजूरी मिल गयी है। विस्तार योजना के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020 तक कंपनी की खदानों की धातु उत्पादन क्षमता 1.2 मिलियन टन वार्षिक हो जाएगी। आगामी तीन वर्षों में 4,500 करोड़ पंूजीगत व्यय से अतिरिक्त स्मेल्टिंग क्षमता के साथ विकास परियोजनाओं के तहत पहले चरण में 1.35 मिलियन टन वार्षिक की वृद्धि होगी।
वर्ष के दौरान, कंपनी ने 960,000 जस्ता-सीसा धातु एवं 558 मीट्रिक टन चांदी उत्पादन के नए रिकाॅर्ड के साथ सुदृढ़ प्रदर्शन को बनाए रखा है जो गतवर्ष की तुलना में क्रमशः 19 प्रतिशत एवं 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। 947,000 खनित धातु का उत्पादन हुआ जो सर्वाधिक है। गतवर्ष की तुलना में ईबीआईटीडीए 12,376 करोड़ रुपये रहा जो 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। मार्च 2018 में कंपनी की रामपुरा आगुचा ओपन कास्ट खदान ने आखरी अयस्क उत्पादन दिया है जो खदान का 27 साल का गौरवशाली प्रदर्शन है जिसके परिणामस्वरूप यह खदान दुनिया की सबसे बडी खदान बनी है। कंपनी की सिदेसर खुर्द खदान का योजना अनुरूप पहले ही 5 मिलियन मीट्रिक टन पर कार्य चल रहा है और 6.5 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंचने की उम्मीद है। दो शाफ्टों के निर्माणाधीन से रामपुरा आगुचा और सिंदेसर खुर्द की अयस्क उत्पादन क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी जिससे राजपुरा दरीबा की शाफ्ट अपग्रेडशन में समग्र उत्पादन क्षमता में 2 मिलियन मीट्रिक टन की वार्षिक वृद्धि होगी। दुग्गल ने शेयरधारियों कोे बताया कि कंपनी सुरक्षा के प्रति सदैव कटिबद्ध है और आॅपरेशन्स एवं प्रोजेक्ट साइटस पर सुरक्षा के प्रति व्यवहारिक श्रेष्ठ प्रथाओं का अनुपानल होता है। दुर्घटनाओं की सम्पूर्ण उच्च जांच तथा सुधारात्मक त्वरित कार्यवाहियों का क्रियान्वयन होता है।
हिन्दुस्तान ज़िंक अपनी उत्पादकता, दक्षता और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए तेजी से डिजिटल टेक्नोलाॅजिज को अपना रहा है। डिजिटल परिवर्तन के माध्यम से कार्य में दक्षता का सबसे बड़ा प्रभाव कंपनी के आॅपरेटरों पर होगा। कंपनी की खदानों का तेजी से विस्तार के लिए बेस्ट-इन-क्लास उपकरणों हेतु आदेष तथा सुरक्षा, मानव संसाधन, काॅमर्षियल में विभिन्न आधुनिक तकनीकी का क्रियान्वयन किया है। पर्यावरण के साथ-साथ कंपनी अपने हितधारियों के बेहतरी के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही एवं साझेदारी के माध्यम से उत्कृष्ट प्रबन्ध एवं सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वाह करती है। डिजिटल टेक्नोलाॅजी के तहत हिन्दुस्तान जिं़क की सिन्देसर खुर्द खदान भारत की सबसे विकसित डिजिटल खदान है। हमारा लक्ष्य, कंपनी के परिचालनों का डिजिटाइज कर एक अग्रणी एवं सबसे प्रशंसनीय खनन उत्पादक कंपनी बनाना है, जिससे हम राष्ट्र निर्माण एवं सामाजिक मूल्यों में और अधिक योगदान दें सकें। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि सिन्देसर खुर्द खदान का पहले ही 1.5 किमी की गहराई और पोर्टल को सफलतापूर्वक डिजिटलीकृत कर लिया गया हैं तथा पूर्ण रूप से रोल-आउट का कार्य प्रगति पर है।
हिन्दुस्तान जिं़क डिजिटल रि-इनवेन्शन के लिए विभिन्न उद्योग के नेतृत्व के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। आगामी वर्षों के दौरान, इन डिजिटल क्षमताओं को पूर्ण से संगठन में क्रियान्वयन किया जाएगा। ये नवाचार हिन्दुस्तान जिं़क को विश्व स्तरीय स्वचालन और सुरक्षा के साथ कंपनी के विज़न को प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे। इनपुट कीमतों की वूसली के बावजूद विश्व स्तर पर सबसे कम लागत उत्पादक कंपनी के रूप अपनी स्थित लगातार बरकरार है। ज्ञातव्य रहे कि कंपनी के निदेशक मण्डल ने वर्ष के दौरान, 400 प्रतिशत लाभांश की घोषणा की है जो लाभांश वितरण कर सहित 4,068 करोड़ रुपये है।
कपंनी ने राॅयल्टी, कर, नकद और लाभांश के माध्यम से सरकारी राजकोष में 9,301 करोड़ रुपये का योगदान दिया है जो हमारे राजस्व के 42 प्रतिशत के समतुल्य है और राष्ट्र निर्माण में एक सराहनीय योगदान हैं। दुग्गल ने शेयरधारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम कंपनी को एक स्थिर उद्योग बनाने की दिशा में निरन्तर काम हो रहा हैं। भविष्य के लिए कई स्थायी योजनाएं बनाई गयी है। चंदेरिया जिं़क स्मेल्टर में कंपनी की पहली फ्यूमर परियोजना का इस वर्ष प्रारंभ होने की संभावना है जो अपशिष्ट को कम करेगी, धातु वसूली में वृद्धि होगी और प्रतिवर्ष 1 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता को कम करेगी। हिन्दुस्तान जिं़क वैश्विक स्तर पर 11वें स्थान पर तथा खनन और धातु उद्योग में डाॅउ जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स में पर्यावरण आयाम के लिए तीसरे स्थान पर है। नौ भारतीय कंपनियों में से हिंदुस्तान जिं़क भारत की एकमात्र खनन एवं धातु कंपनी है जो रोबेको एसएएम सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक-2018 में शामिल किया गया है। यह पर्यावरण, स्वास्थ्य, सुरक्षा और प्रशासन के प्रति दृढ़ संकल्प एवं प्रयासों के लिए मान्यता है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत, कंपनी का उदयपुर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करना है जिसमें तीन संयंत्र शामिल है पहले चरण का निर्माणधीन है जो वित्तीय वर्ष 2019 में प्रारंभ होने की संभावना है। मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट को प्राईवेट भागीदारी का एक सर्वश्रेष्ठ माॅडल के रूप मान्यता के लिए भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा ’इण्डिया टूडे सफाईगिरी अवार्ड-2017’ से सम्मानित किया गया है। कंपनी अपशिष्ट भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्रों को विकसित करके भूमि की जरूरत को कम कर रही है। रामपुरा आगुचा में कचरा डंप पर 24 मेगावाट की एक सौर ऊर्जा परियोजना निर्माणधीन है। पहले भी 16 एमडब्ल्यू की सौर ऊर्जा स्थापित करने के लिए देबारी स्मेल्टर में जोरोसाइट तालाब का उपयोग किया है। दुग्गल ने शेयरधारियों को अवगत कराया कि वर्ष के दौरान कम्पनी ने अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत व्यय को दोगुना लगभग 92 करोड़ रुपये कर दिया है, जिसमें से लगभग एक तिहाई शिक्षा पर खर्च किया गया है यद्यपि यह कंपनी के लक्ष्य से कम है, हमें कंपनी की प्रमुख परियोजनाओं में महत्वपूर्ण योगदान से खुशी है और कंपनी सामाजिक उत्थान की महत्ती परियोजनाओं की उपलब्धियों से अवगत कराना चाहते हैं। कंपनी वर्तमान में चल रहे आंगनवाडी केन्द्रों को नंदघरों में बदलकर अत्याधुनिक आधारभूत ढांचे के साथ अपगे्रड कर रही है और नए नंदघर बनाने का कार्य भी जारी हैं। वर्ष के दौरान, कंपनी ने लगभग 50 नंदघर पूरे कर लिए है और 25 नए नंदघर सहित 225 के निर्माण की शुरूआत कर दी गयी है।
श्री दुग्गल ने शेयरधारियों को बताया कि आवासीय फुटबाॅल अकादमी के बारे में बताते हुए मुझे अत्यधिक खुशी हो रही है कि जो कंपनी ने साल भर पहले ही स्थापित किया है ताकि फुटबाॅल परंपरा को आगे बढ़ाया जा सके जो 42 साल पहले जावर में अखिल भारतीय मोहन कुमार मंगलम हिन्दुस्तान जिं़क फुटबाॅल टूर्नामेंट के साथ शुरू हुआ था। कंपनी ने पांच जिलों में 58 समुदाय अकादमियों के साथ-साथ चार केन्द्रों सहित विशेष रूप से लड़कियों के लिए, स्काउटिंग और युवा प्रतिभा को प्रशिक्षित करने के लिए आधारभूत संरचनाएं बनाई है। वर्ष के दौरान, 3500 बच्चों के लिए राजस्थान में स्काउटिंग शिविर आयोजित किए गए, उसमें से 56 बच्चे आवासीय अकादमी के लिए चयनीत हुए हैं। राजस्थान राज्य में लड़कियों की टीम ने चैम्पियनशिप में अपनी शुरूआत की और सेमीफाइनल में पहुंची है। अंत में कंपनी का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2019 में रिकाॅर्ड उत्पादन के अनुसार 2020 में 1.2 मिलियन मीट्रिक टन वार्षिक उत्पादन का है। कंपनी लगातार शेयरधारियों के मूल्य को बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
सभा में वार्षिक आम बैठक के अध्यक्ष हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं पूर्णकालिक निदेशक सुनील दुग्गल के अतिरिक्त मुख्य वित्तीय अधिकारी अमिताभ गुप्ता, निदेशक मण्डल में निदेशक एआर नारायणस्वामी, सुधीर कुमार, अरूण टोडरवाल, राष्ट्रपति के प्रतिनिधि योगेश आर पटेल तथा कंपनी सचिव राजेन्द्र पण्डवाल उपस्थित रहे। दुग्गल ने हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड की ओर से समस्त शेयरधारियों, ग्राहकों, आपूर्तिकारों, कर्मचारियों, सरकारों, मान्यता प्राप्त यूनियन तथा हमारी प्रचालन इकाइयों के आसपास रह रहे समुदायों द्वारा मिल रहे सत्त सहयोग सहकार एवं विश्वास के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।