हजारों श्रावक-श्राविकाओं ने निराहार रह किए उपवास
क्षमापना दिवस के रूप में मनाया संवत्सरी महापर्व, खमतखामणा आज
उदयपुर। शासन श्री साध्वी गुणमाला ने कहा कि संवत्सरी महापर्व आत्म निरीक्षण का पर्व है। गत वर्ष में किए गए कार्यों का आत्मावलोकन करें तथा प्रतिक्रमण के अवसर पर गत वर्ष में आई राग-द्वेष ग्रंथि को समाप्त करें।
वे शुक्रवार को अणुव्रत चैक स्थित तेरापंथ भवन में संवत्सरी पर धर्मसभा को संबोधित कर रही थी। संवत्सरी पर हजारों श्रावक-श्राविकाओं ने निराहार रहकर उपवास किए। शनिवार को खमतखामणा की जाएगी। संवत्सरी पर शुक्रवार को श्रावक-श्राविकाओं की सुविधा के लिए बाहर चैक में बड़ी एलसीडी की व्यवस्था की गई ताकि उन्हें आराम से प्रवचन का लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि धार्मिकता से एक दिन ओत प्रोत नहीं हो सकता इसलिये 8 दिन का आयोजन पर्युषण के दौरान किया जाता है। सुनने के बाद अपने जीवन में कितना उतारते हैं, इस पर मंथन जरूरी है। 8 का बहुत महत्व है। जहां आठ है, वहां ठाट है। जो सहज धर्म है, वो मर्यादा से मुक्त है। सहज के साथ पर्व धर्म को जोड़ दें तो उसकी महत्ता बढ़ जाती है।
साध्वी श्री ने कहा कि कषायों को हल्का करें। एक-दूसरे को सहन करने की क्षमता एवं समता जरूरी है। जब तक ऐसा भाव नहीं होगा, तब तक विकास नहीं होगा। एक-दूसरे को क्षमा का भाव रखें। सिर्फ संवत्सरी पर ही नहीं वर्ष भर ही ऐसा भाव रखें। मन में गांठ नहीं बांधें। वैर भाव नहीं रखें। क्षमा करने की साधना में भी आगे बढ़ना है।
उन्होंने भगवान महावीर के केवल्य ज्ञान का सुंदर वर्णन भी किया। केवल्य कल्याणक को देवताओं ने भी हर्षोल्लास से मनाया। उन्होंने कहा कि मृत्यु के समय यदि श्रावक क्रोध करता है तो उसे सर्प गति मिलती है। चंडकौशिक को इसलिए सर्प गति मिली। पर्यूषण का मतलब आत्मज्ञान-ध्यान में रहें। मन के घोड़े को सही दिशा में मोड़ें।
साध्वी श्री लक्ष्यप्रभा, साध्वी प्रेक्षाप्रभा और साध्वी नव्यप्रभा ने कहा कि हम जिस रोज अपनी आत्मा के निकट रहते हैं तब पर्यूषण पर्व मनाया जाता हैं। पर्यूषण के आठ दिन एक साधना है, यज्ञ है। उन्होंने संवत्सरी महापर्व की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि संवत्सरी यानि 12 महीनों का एक दिन। संवत्सरी प्रेरणा देता है कि 12 महीनों में जो भी गलतियां की हैं, जो भी परिवर्तन हुए हैं उन्हें दूर करे।
सभा अध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता ने बताया कि सांयकालीन कार्यक्रमों में भी समाजजन उत्साह से भाग ले रहे हैं।