9 दिवसीय ध्यान योग शिविर प्रारम्भ
उदयपुर। श्रमणसंघीय आचार्य डाॅ. शिवमुनि ने कहा कि श्रावकों को ध्यान कराते हुए कहा कि आज के समय में विचार बदल रहे हैं, सोच बदल रही है लेकिन आपके भीतर बैठी आत्मा अखंड है। वह कभी नहीं बदलती। चाहे कैसे भी विचार आए, किसी भी प्रकार की सोच आपके मन में हो, उसकी और मत जाओ, मत सोचो उसके बारे में। आप स्वयं को जानो, स्वयं में ही रहो, भीतर तक जाओ और आत्मा को जानो। इसके लिए आपको ध्यान करना है।
वे आज महाप्रज्ञ विहार स्थित षिवाखर्य समवशरण में आयोजित धर्मसभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आत्म ध्यान से ही आपको स्वयं के होने का आभास होगा कि मैं कौन हूं, कहां से आया हूं और मुझे जाना कहां है। ध्यान ही है जो मोक्ष का मार्ग दिखाता हैं। जितना आप भीतर डूबोगे उतनी ही आपको आत्मज्ञान की प्राप्ति होगी। बाहरी तत्वों का आनन्द तो क्षणिक होता है। वह स्थायी नहीं है, लेकिन भीतर आपकी आत्मा में जो आनन्द है वह अनन्त है ,अपार है। इसलिए आत्मध्यान को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाओ तभी आपका और आत्मा का कल्याण होगा।
युवाचार्यश्री महेन्द्रऋषिजी ने कहा कि झूठा मत छोड़ो लेकिन झूठ को छोड़ो। हमारंे जीवन की पृष्ठ भूमि में भरोसा है, विश्वास है और इसी पर यह दुनिया टिकी हुई है। जिस दिन एक दूसरे से भरोसा उठा, विश्वास टूटा समझो आपकी दुनिया ही टूट जाएगी। सत्य बोलने से भरोसा बनता है और झूठ बोलने से भरोसा टूटता है। सत्य ही है जो आपको मोक्ष मार्गकी ओर ले जाता है। जिस तरह से हम दूसरे की थाली में छोड़ा हुआ झूठा नहीं खाते हैं उसी तरह से दूसरों के सामने हम झूठ कैसे बोल सकते हैं। झूठ हम बोलते हैं तो हमें अच्छा लगता है लेकिन कोई दूसरा झूठ बोले तो हमें अच्छा नहीं लगता है। दूसरों के द्वारा बोला गया झूठ जब हम सहन नहीं कर सकते तो फिर हम दूसरों के सामने झूठ बोल कर क्या साबित करना चाहते है। झूठ से भरोसा टूटता है विश्वास उठता है। इसलिए हमेशा सत्य बोलो और सत्य का ही साथ दो।
धर्मसभा में नासिक श्रीसंघ से आये वर्षी तप करने वाले तपस्वियों का स्वागत किया गया। नासिक से आई कल्पना धारीवान ने भी अपने विचार रखे।
मानवसेवा और जीव दया के रूप में मनाया आज का दिवस- शिवाचार्य चातुर्मास समिति द्वारा आचार्य डाॅ. शिवमुनि के जन्मदिवस पर आयोजित किये जा रहे सात दिवसीय कार्यक्रमों की श्रृंखला के तहत आज तीन स्थानों पर पक्षियों के लिये भूपालपुरा स्थित केशवधाम,महाप्रज्ञ विहार एवं भुवाणा स्थित स्थानक पर 25 बोरी मक्की रखवायी। संयोजक प्रवीण नवलखा ने बताया कि लक्ष्मीलाल वीरवाल के सहयोग से आशाधाम में महिलाओं-पुरूषों को भोजन कराया गया एवं महाराणा भूपाल सार्वजनिक चिकित्सालय में फल वितरीत किये गये। इस अवसर पर भगवतीलाल, ललित सामर,महावीर मेहता,दिलीप कोठारी,मनोज हिरन, विशाल भादविया,अर्जुन बाफना,सुनील वागरेचा,प्रितम जैन, हेमन्त सिसोदिया, हर्ष तलेसरा, ऋषि तलेसरा, चिराग मादरेचा, भूपेन्द्र परमार ने सहयोग दिया।