पेसिफिक विश्वविद्यालय उदयपुर एवं इंडियन केमिकल सोसाइटी, कोलकाता के संयुक्त तत्वावधान में 5 एवं 6 अक्टूबर को पेसिफिक विश्वविद्यालय में वर्तमान समय की राष्ट्रीय एवं वैश्विक चुनौतियों के समाधान में रसायन विज्ञान की भूमिका पर विमर्श हेतु एक अन्तर्राष्ट्रीय काॅन्फरेंस का आयोजन किया जा रहा है।
आयोजन में भारत के लगभग सभी राज्यों एवं जापान, दक्षिणी अफ्रीका, नेपाल, स्पेन आदि देशों के लगभग 400 प्रतिभागी भाग लेगें एवं शोध-पत्र प्रस्तुत करेगें। इस अवसर पर जापान के प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रो. काजीहुरो मारूमोटो एवं नेपाल से प्रा.े रोशन कुमार, प्र®. अबुतलब खान, गुवाहाटी, प्र®. महिमा बिरला,डाॅ. धर्मेश वराडे, अहमदाबाद,एवं डाॅ. रक्षित आमेटा के आमंत्रित व्याख्यान होगें, जिसमें देश की युवा पीढ़ी को आगामी 20-25 वर्षों मे ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, हरित रसायन आदि क्षे़त्रों में आ रही चुनौतियों के समाधान में नवीन तकनीकों के विकास पर पाथेय प्राप्त होगा । शोध पत्रों के प्रस्तुतिकरण हेतु मौखिक (ओरल) एवं पोस्टर प्रस्तुति की दो श्रेणियां रखी गई है। दोनो श्रेणियों में दो-दो सत्रों का आयोजन होगा ताकि रसायन विज्ञान में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले शोध से सभी प्रतिभागी अवगत हो सके तथा विमर्श में सक्रियता से भाग ले कर शोध-कार्य की प्रेरणा प्राप्त कर सकें। इस अवसर पर शोध-पत्रों के प्रस्तुतिकरण में श्रेष्ठ रहें युवा एवं वरिष्ठ वैज्ञानिको को पुरस्कृत भी किया जाएगा।
इस अन्तर्राष्ट्रीय काॅन्फरेन्स में ध्यानाकर्षण के मुख्य विषय हरित रसायन (ग्रीन केमेस्ट्री), नैनोरसायन (नैनोकेमेस्ट्री), सौर ऊर्जा (सोलर सेल्स), अवशिष्ट जल प्रंबधन, मेटेरियल सांइस, कार्बनिक संश्लेषण, औषधि विज्ञान (फार्मस्यूटिकल्स) आदि रहेगें जिन पर मंथन से प्राप्त परिणाम वर्तमान समय में ऊर्जा संकट एवं पर्यावरण प्रदूषण की समस्या का मुकाबला करने की दिशा में सहायक सिद्ध होगें। वैकल्पिक एवं हरित ईधन के रूप में सोलर सेल (फोटोवोल्टाइक), हाइड्रोजन, सी.एन.जी. आदि पर विमर्श किया जाएगा जिससे ऊर्जा-संकट के समाधान की दिशा में रसायन विज्ञान के सामथ्र्य को रेखांकित किया जा सके।
रसायन विज्ञान का मानव जीवन एवं राष्ट्र के विकास में अतुलनीय योगदान रहा है। यह केन्दªीय विज्ञान होने के कारण विश्व-देश-मानव समाज की उन्नति के सभी आयामों एवं विज्ञान की सभी शाखाओं को स्पर्श करता है। स्वास्थ्य, जल, भोजन, कपड़ा, पाॅलीमर, औषधियांर्, इंधन सेसंर, चालक, अर्धचालक, सुपर कन्डकटर , पर्यावरण आदि मानव जीवन के सभी क्षेत्रों में रसायन विज्ञान अपनी केन्दªीय भूमिका में उपस्थित है। अतः पेसिफिक विश्वविद्यालय में आयोज्य इस अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्टी का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि इस अवसर पर युवा रसायन विज्ञानी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिको के साथ विमर्श कर सकेेंगें तथा सभी प्रतिभागी पेसिफिक विश्वविद्यालय में हरित रसायन, प्रकाश-उत्प्रेरण एवं सोलर-सेल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों मे हुए शोध-कार्यों से रूबरू हो सकेगें।
पेसिफिक विश्वविद्यालय मे रसायन विज्ञान पर इस तरह की संगोष्ठियों का आयोजन पूर्व में भी 2012, 2014, 2015 एवं 2016 में राॅयल सोसाइटी आॅफ केमेस्ट्री (लंदन) तथा इंडियन केमिकल सोसाइटी, कोलकाता के साथ मिल कर किया जा चुका है। इन संगोष्ठियों के माध्यम से पेसिफिक विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी, शोधार्थी एवं शिक्षक इस अकादमिक वातावरण से लाभान्वित एवं प्रेरित होते हंै।
आगामी 5 एवं 6 अक्टूबर, 2018 को होने वाली इस अन्तर्राष्ट्रीय काॅन्फरेंस के सूत्रधार के रूप में पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रो. सुरेश चन्द्र आमेटा (काॅन्फरेंस चैयरमेन), प्रो. हेमन्त कोठारी (काॅन्फरेंस निदेशक), इंडियन केमिकल सोसाइटी, कोलकाता के अध्यक्ष प्रो.डी.सी. मुखर्जी एवं आयोजन सचिव डाॅ. नीतू शोरगर, डाॅ गजेन्द्र पुरोहित ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली है। इस अन्तर्राष्ट्रीय काॅन्फरेस का उद्घाटन 5 अक्टूबर, 2018 को प्रातः 10 बजे पेसिफिक विश्वविद्यालय के सभागार मे होगा।
06 को सांय 3ः00 बजे रसायन विज्ञान की शिक्षा में वर्तमान स्थिति एवं चुनौतियां विषय पर विचार-मंथन (ब्रेन-स्टार्मिग) सत्र का आयोजन किया जाएगा, जिसमें उच्च शिक्षण संस्थाओं में रसायन विज्ञान शिक्षा की गुणवता-पूर्ण शिक्षा का प्रंबधन करने के प्रयासों पर विचार मंथन होगा । इसके अन्तर्गत शिक्षा के साथ शोध की गुणवता बढ़ाने एवं उच्च शिक्षण संस्थाओ का औघोगिक एवं तकनीकी संस्थानों के साथ समन्वय करने की दिशा में विचार विमर्श किया जाएगा । साथ ही, रसायन विज्ञान के पाठ्यक्रम, परीक्षा प्रणाली, अध्यापन-अधिगम (टीचींग-लर्निग) में नवाचार, गुणवता युक्त शिक्षक, शोध-पत्रों का प्रकाशन, सी. बी. सीएस. सिस्टम, सेमेस्टर प्रणाली, पी.एच. डी. नेट परीक्षा , ए.पी. आई स्कोर आदि बिन्दुओं पर गहन चिंतन -मनन करने का अवसर इस सत्र में प्राप्त होगा। इसके माध्यम से युवा पीढ़ी शोध कार्य के लिए प्रेरित हो कर गुणवता -युक्त शोध पत्रों के प्रकाशन मथा नवीन द्रव्यों के निर्माण -संश्लेषण आदि कार्यो से पेटेन्ट प्राप्त कर अपनी प्रतिभा को उद्घाटित कर सकेगी।