उदयपुर। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा की ओर से होने वाली जैन विद्या परीक्षा, आगम मंथन 9 (भिक्षु आगम शब्दकोष) एवं आगम मंथन 10 परीक्षा के करीब 115 प्रतिभागियों को श्री जैन तेरापंथी सभा तेरापंथ भवन में पारितोषिक एवं प्रमाण पत्र वितरित किये गए।
सरंक्षक शांतिलाल सिंघवी, सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता, मंत्री प्रकाश सुराणा, महिला मंडल अध्यक्ष लक्ष्मी कोठारी ने पुरस्कार वितरित किये।
जैन विद्या के महत्व पर साध्वी गुणमाला ने कहा कि विद्या की कई शाखाएं हैं जिससे मस्तिष्क को निष्णात बनाया जा सकता है। जैन विद्या और आगम मंथन ऐसी परीक्षाएं हैं जिनसे जैन दर्शन का समग्रता से ज्ञान किया जा सकता है। मनुष्य में निहित शक्तियों को उदधृत करना ही शिक्षा का उद्देश्य है। शिक्षा इसमें निमित्त का कार्य करती है। साध्वी लक्ष्यप्रभा ने कहा कि आज के इस भौतिक परस्त जीवन में समण संस्कृति संकाय के माध्यम से व्यक्ति त्याग, संयम, अनुशासन को समझकर संस्कारों को सुरक्षित रख सकता है। कार्यक्रम का आरंभ गीतिका से हुआ। आभार केंद्र व्यवस्थापक रेणुबाला कच्छारा ने व्यक्त किया। संचालन राजेन्द्र बाबेल ने किया।