हाट बाजार में लाइव शिल्प प्रदर्शन
उदयपुर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित दस दिवसीय ‘‘शिल्पग्राम उत्सव’’ में एक ओर जहां शिल्प और कलात्मक वस्तुओं की खरीद फरोख्त चल रही है वहीं हाट बाजार कुछ शिल्पकार ऐसे बुलाये गये है जो अपनी शिल्प के सृजन के तरीके का जीवंत प्रदर्शन कर रहे हैं।
शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी रंगमंच की ओर जाने वाले बाजार में बांई तरफ कुछ ऐसे हूनरमंद शिल्पकार हैं जो अपनी पीढ़ी दर पीढ़ी शिल्प परंपराओं को आज भी संजोकर रखे हुए है। बाजार के उतार चढ़ाव, महंगाई की मार, फैशन में बदलाव या पसंदगी के माॅर्डन सलीकों के बावजूद इन शिल्पकारों का सृजन कर्म अनवरत जारी है।
इनमें एक हैं सालावास जोधपुर के दरी बुनकर जो दिन भर लूम पर रंगबिरंगे धागों से पंजा दरीको बुनते नजर आते हैं। ऐसेही गुजरात के कच्छ अंचल के शाॅल बुनकर अपनी पुश्तैनी कला को नये डिजाइन और पैटन्र्स के साथ लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं। एक कतार में बैठे इन सृजनहारों में घोसुण्डा के अकबर कागज़ी कपड़े की चिन्दियों का पानी से घाल बना कर उसे जाली से नितार कर हैण्डमेड पेपर बना कर लोगों को दिखा करहे हैं। इस बुजुर्ग शिल्पकार का कहना है कि उनके बनाये कागज़्ा कई सालों तक टिकने वाले होते हैं। इनके समीप ही चैमू के इमामुद्दीन मणिहार के लाख चूड़ीगर कोयले के अलावा पर लाख को तपा कर व उसे विभिन्न रंगों से सुसज्जित कर चूड़ियाँ बना कर दिखा रहे हैं।इनके अलावा बाड़मेर के बुजुर्ग शिल्पकार अर्जुन राम भी अपने स्टाॅल पर लूम पर बैठे शाॅल बुनते देखे जा सकते हैं। इसी बाजार में काष्ठ शिल्प, मृण शिल्प और खुरजा पाॅटरी के शिल्पियों के बनाये कलात्मक नमूने आगंतुकों को लुभा रहे हैं।
हाट बाजार में सोमवार को कलात्मक वस्तुओं की खरीददारी का सिलसिला चल पड़ा तथा लोगों ने विभिन्न शिल्प क्षेत्रों में खरीददारी के साथ मेले का भरपूर मजा लिया व लोक कलाकारों, बहुरूपिया कलाकारों, पारंपरिक बैण्ड वादकों के साथ हंसी ठिठोली की।
आस्ट्रेलियन क्रिकेटर जान्टी राड्स ने सपरिवार देखा शिल्पग्राम उत्सव
एक जमाने में आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के जांबाज़ फील्डर रहे जान्टी राड्स सोमवार को सपरिवार शिल्पग्राम आये और उत्सव के हाट बाजार में शिल्प व कलात्मक वस्तुओं को रूचिपूर्वक देखा। जान्टी राड्स सोमवार दोपहर को सपरिवार शिल्पग्राम आये तथा हाट बाजार में घूम कर शिल्प कलाओं का जायजा लेने के साथ-साथ खरीददारी की। राॅड्स बच्चों ने जहां खिलौने खरीदे वहीं उन्होंने परिवार के साथ तिल की जगल, लखनवी मक्खन, चाय का स्वाद चखा।