हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा आॅडियो वर्णित फिल्म का प्रदर्शन
रविवार का दिन उदयपुराईट्स के उन लोगो के लिए तो खास था ही जो कि दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रयासरत रहते है, उन दिव्यांग दृष्टिहीनों के लिए विशेषतौर पर खास था जिन्होंने मन की आंखों से रानी मुखर्जी अभिनित हिचकी फिल्म को देखा। इन विषेष योग्यजन बच्चों के लिए ’जीवन तरंग जिंक़ के संग’ कार्यक्रम के तहत हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा आॅडियो वर्णित ‘हिचकी‘ फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
हिन्दुस्तान जिं़क ने ’जीवन तरंग जिंक़ के संग’ परियोजना के तहत दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए मनोरंजन क्षेत्र में एक सराहनीय पहल करते हुए ‘‘हिचकी’’ फिल्म का आॅडियो वर्णित मूवी स्क्रीनिंग का थियेटर में पहली बार प्रदर्शित किया गया है। बाॅलीवुड फिल्मों को देखकर व्यक्ति मनोरंजन करते हैं, जिसमें दृष्टिहीन लोग भी शामिल है लेकिन ऐसे व्यक्ति जो स्क्रीन को देख नहीं सकते हैं वे केवल फिल्मों को समझ कर बोलने वाले संवादों को समझते हैं। अक्सर किसी भी फिल्म को देखने के लिए दृष्टिहीन दिव्यांगों के लिए सबसे बडी समस्या संवाद के साथ साथ एक्शन को समझने की होती है जिसके लिए उन्हें अपने किसी परिजन या साथी पर निर्भर रहना पडता है लेकिन आॅडियो डेस्क्राइब फार्मेट में उन्हें इस प्रकार की समस्या नही आती है और वे आम लोगो की तरह ही फिल्म का आनंद ले सकते है। आॅडियो वर्णित फिल्मों में एक बोलने वाली फिल्म के मूक खंडों का वर्णन किया जाता है ताकि दृष्टिहीन लोग फिल्म का सही ढंग से अनुसरण कर सकें।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सचिव सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग सुचि शर्मा ने कहा कि हिन्दुस्तान जिं़क की यह पहल अनूठी है जिससे प्रेरणा लेकर सरकार के स्तर पर भी इस प्रकार के कार्यक्रम संचालित किये जाने की सोच उभरी है जिससे विशेष योग्यजनो को राज्य स्तर पर लाभ मिल सकेगा। उन्होंने हिन्दुस्तान ंिजं़क के इस प्रयास की सराहना करते हुए आव्हान किया कि सभी आमजन इन विशेषयोग्यजन लोगो को मुख्यधारा से जोडते हुए उनका साथ दें।
हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील दुग्गल ने कहा कि हिन्दुस्तान जिं़क समाज के समग्र विकास के साथ साथ विषेषयोग्यजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिये हमेशा प्रयासरत है। इसी सदंर्भ में हिन्दुस्तान जिं़क की ओर से नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए आॅडियो वणर्न से दंगल फिल्म का प्रदर्शन पिछले वर्ष किया गया था जिसकी सफलता को देखते हुए इस बार हिचकी फिल्म का प्रदर्शन किया गया है। मुझे प्रसन्नता है कि राजस्थान में इस प्रकार की पहल हमने की है, हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा देश में विशेषयोग्यजन व्यक्तियों के विकास एवं उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक अनुकरणीय प्रयास किये जा रहे है।
100 से अधिक दृष्टिहीन बच्चों एवं दृष्टिहीनजनों के अलावा, हिन्दुस्तान ज़िंक के .प्रधान कार्यालय के कर्मचारी जिन्होने बच्चों को वालेन्टियर के रूप में सेवाएं दी, उनके परिजन तथा उदयपुर के कई गणमान्य अतिथियों सहित 230 लोगों ने फिल्म देखी एवं सराहना की। इस अवसर पर हिन्दुस्तान जिं़क उपवित्तिय अधिकारी स्वयं सौरभ, हेड कार्पोरेट अफेयर्स प्रवीण जैन, हेड सीआरडीएल अखिलेश शुक्ला मौजूद थे। हेड सीएसआर वेदान्ता नीलिमा खेतान ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
प्रज्ञा चक्षु स्कूल के नेत्रहीन छात्रों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि आॅडियो वर्णित फिल्म हमारे लिए अदभूत थी एवं दंगल फिल्म के बाद हिचकी का भी बहुत अच्छा अनुभव रहा फिल्म देखने से बहुत प्ररेणा मिली।
हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा विशेष योग्यजन बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए 10 जनवरी, 2017 को हिन्दुस्तान जिं़क के 51वें स्थापना दिवस पर ’जीवन तरंग जिं़क के संग’ कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत की गयी थी जिससे हिन्दुस्तान जिं़क की इकाइयों के आस-पास के क्षेत्र के विद्यालयों एवं सस्थानों की भागीदारी से 600 से ज्यादा बच्चें लाभाविन्त हो रहे हैं। इस परियोजना के तहत विषेषयोग्यजन बच्चें जो कि सुन बोल नहीं सकतें, देख नहीं सकते या आम लोगों की तरह सोच समझ नहीं रखतें उन बच्चों को शामिल किया जाता है।
जीवन तरंग जिं़क के संग कार्यक्रम इन विशेषयोग्यजन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर तरह की सहायता के देने का प्रयास है ताकि ये बच्चे अपने परिवार के सदस्य बन सकें और सम्मानजनक जीवन जी सकें। हिन्दुस्तान जिं़क ने नेत्रहीन लोगों के लिए साइन लैंग्वेज टेªनिंग का शुभारंभ करना तथा नेत्रहीनों को तकनाॅलोजी पर आधारित शिक्षा एवं इनकी शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए सराहनीय कदम उठाएं हैं।