उदयपुर। भारत को टीबी मुक्त करने के उद्धेष्य से विश्व टीबी दिवस (24 मार्च) के मौके पर आज पेसिफिक मेडीकल काॅलेज एण्ड हाॅस्पीटल के वक्ष एवं क्षय रोग विभाग की ओर से एक स्वास्थ्य चर्चा (सेमीनार) का आयोजन किया गया। इस सेमीनार का उदघाटन प्रिसिपल एवं नियत्रंक डाॅ.ए.पी.गुप्ता,जिला क्षय अधिकारी डाॅ.दिनेष कोठारी एवं वक्ष एवं क्षय रोग विभाग के डाॅ.सुनील कुमार ने किया।
“यह समय है…..“ की थीम पर आधारित विष्व टीबी दिवस का मुख्य उद्धेष्य सुदूर गाॅवो में रहने वाली निरक्षर आबादी तक टीबी रोग की रोकथाम के बारे में जानकारी देने के साथ साथ इसका उपचार उन तक पहुंचाना एवं टीबी रोगीयों से होने वाले भेदभाव को खत्म करने को बढ़ावा देना है।
इस अबसर पर डाॅ.ए.पी.गुप्ता ने कहा कि इस टीबी उन्मूलन जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम में डाॅक्टरों के साथ साथ समाज के हर आम नागरिक,स्वयंसेवी संस्थाओं,स्कूल एवं काॅलेज के विधार्थीओ,षिक्षकों आदि की सक्रिय एवं सकारात्मक भूमिका होगी तब ही हमारा देष टीबी जैसी इस जानलेवा बीमारी से छुटकारा पा सकता है। इस सेमीनार में वक्ष एवं क्षय रोग विभाग के डाॅ.सुनील कुमार ने बताया कि भारत देष में प्रत्येक तीन मिनिट में दो व्यक्ति टीबी से अपनी जान गंवाते हैं और विष्व के कुल क्षय रोगियों में 27 फीसदी अकेले भारत देष में है। हमारे राज्य राजस्थान में लगभग 30,000 लोग इस रोके जाने योग्य और इलाज योग्य बीमारी से प्रतिवर्श काल का ग्रास बन जाते हैं और तकरीबन 5 हजार महिलाएं घर छोडनें को विवष हो जाती हैं साथ ही 20 हजार बच्चें स्कली षिक्षा से वंचित रह जाते है। इस दौरान उन्होने टीबी रोग के कारण एवं इसके इलाज के बारें में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान जिला क्षय अधिकारी डाॅ.दिनेष कोठारी ने सेमीनार में उपस्थित सभी को राष्ट्रीय टीबी कार्यक्रम के बारे में बताया। इस अवसर पर हास्पीटल के सभी विमागों के विभागाघ्यक्ष एवं अन्य फैकल्टी मेंम्बर उपस्थित रहे।