शपथ ग्रहण समारोह में गज़ल संध्या
उदयपुर। सृजन द स्पार्क संस्था की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी का शपथग्रहण समारोह रानी रोड़ स्थित देवेन्द्रगढ़ में आयोजित किया गया। इस अवसर पर देश के ख्यातनाम गज़ल एवं सफी गायक धनंजय कौल ने गज़ल एवं सूफी कलाम पेश कर समां बांध दिया।
समारोह के मुख्य अतिथि पदस्थापना अधिकारी लायन्स की पूर्व प्रान्तपाल भावना शाह, विशिष्ठ अतिथि पुलिस महानिरीक्षक प्रफुल्ल कुमार थे जबकि अध्यक्षता संरक्षक प्रसन्नकुमार खमेसरा ने की। धनंजय कौल ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत ‘न तो कदे की है जुस्त जूं,न तलाश वादा जाम है…‘ गज़ल से की। इसके बाद ‘यहीं जिंदगी है तो जिन्दगी तुझे दर से सलाम है…‘,पंजाबी में सूफी कलाम ‘निते खैर मंगा सोणिये मैं कह दी,दुआ न कोई और मांगे दी…‘ पेश किया तो सभी उपस्थित दर्शकों ने तालियों के साथ उसे दाद दी। कौल ने ‘लम्हा दर न वो खुला आखिर रंग लाया सिलसिला आखिर…‘,‘ढूंढने पर तो वो कहीं न मिला,जलवा हो के खुद मिला आखिर…‘, प्रख्यात गज़ल ‘चुपके-चुपके रात-दिन आंसू बहाना याद है…‘,‘जिंदगी मैं तो सभी प्यार किया करते है मैं तो मर के भी मेरी जान तूझे चाहूंगा…‘ पेश की तो सभी ने तालियंा बजाकर गायक की हौंसला आफजाई की।
इन्होंने ली शपथ- लायन्स की पूर्व प्रांतपाल भावना शाह ने नव निर्वाचित अध्यक्ष राजेश खमेसरा, सचिव डाॅ. किशोर पाहुजा, निवर्तमान अध्यक्ष पीएस तलेसरा, उपाध्यक्ष दिनेश कटारिया, राजेन्द्र शर्मा, संयुक्त सचिव मनीष बाहेती, कोषाध्यक्ष जीआर लोढ़ा सहित नव निर्वाचित कार्यकारिणी को शपथ दिलाई।
भावना शाह ने कहा कि खत्म होने के बाद नव सृजन होता है। जो जिदंगी मिली है हम तो उसे संवार नहीं पायंे और हम बच्चों के गुरू बनने चले है। बच्चों को संगीत के साथ जोड़ेंगे तो समाज में तलाक व आत्महत्याओं की संख्या मंे कमी आयेगी। इस अवसर पर उन्होंने संगीत व मानवीय रिश्तों के बीच के अन्तर को बहुत ही मार्मिक तरीके से समझाया।
नव निर्वाचित अध्यक्ष राजेश खमेसरा ने कहा कि शीघ्र ही सृजन एकेडमी का निर्माण प्रारम्भ होगा। इस अवसर पर उन्होंने आगामी कार्ययोजना की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन सीमा चंपावत ने किया। अंत में सचिव डाॅ. किशोर पाहुजा ने आभार ज्ञापित किया।