उत्कृष्ट वरिष्ठ नागरिक सम्मान समारोह
उदयपुर। रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा आज रोटरी बजाज भवन में उत्कृष्ट वरिष्ठ नागरिक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। क्षेत्र में उल्लखेनीय कार्यां के लिये पहिचान बना चुके शहर के 8 वरिष्ठजनों को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि पूर्व प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एसके वर्मा थे।
समारोह में वर्मा ने कहा कि हमें प्रकृति के स्वरूप को बनायें रखनें का प्रयास करना चाहिये। वर्तमान में हम जल संकट से गुजर रहे है। जल और पानी में बहुत अन्तर है। पानी को पानी बनायें रखना होगा। यदि हमनें जल संचयन नहीं किया तो उससे भावी पीढ़ी काफी प्रभावित होगी।
ये वरिष्ठजन हुए सम्मानित- समारोह में समाजसेविका कौशल्या गट्टानी, इतिहासकार केएस गुप्ता, डाॅ. देव कोठारी, ज्योतिषाचार्य रावत मनोहरसिंह कृष्णावत, मनोहरसिंह चैधरी, होटल व्यवसायी, अम्बालाल बोहरा, शिक्षाविद् यूएस चैहान एवं समाजसेवी फतहलाल जैन को उपरना, पगड़ी, शाॅल, एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
समारोह को संबोधित करते हुए के.एस.गुप्ता ने कहा कि सेवा क्षेत्र में रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा किये जा रहे सेवा कार्य अनुकरणीय है। आलोचना एवं प्रशंसा दोनों खूब करें ताकि सेवा कार्यो में बेहतरी लायी जा सकें। डाॅ. देव कोठारी ने कहा कि रोटरी क्लब उदयपुर ने अपने सेवा कार्यो से अनेक जरूरतमंदों के घरांे को रोशन किया है। युवाओं में होती जा रही संस्कारों की कमी को देखते हुए रोटरी को कुछ ऐसे कार्यक्रम हाथ में लेने चाहिये ताकि युवा पीढ़ी पुनः संस्कारों की ओर उन्मुख हो सकें।
रावत मनोहरसिंह कृष्णावत ने कहा कि मेवाड़ का यह एक मात्र ठिकाना थाणा है जिसकी पिछली 14 पीढ़ीयों ने शराब व मांस का स्वाद तक नहीं चखा। हमें 24 घंटों में से 1 घ्ंाटा अपनी इस काया में समाहित आत्मा से साक्षात्कार करनें का प्रयास करना चाहिये। यूएस चैहान ने कहा कि स्वस्थ शरीर को संभाल कर रखना हम स्वयं की जिम्म्मेदारी है। अपने आपको मजबूत मानकर आगे बढ़ना चाहिये। कौशल्या गटट्ानी ने कहा कि संस्कारों की शुरूआत स्वयं के घर से करनी चाहिये। समाज मे संयुक्त परिवारों का निर्माण होना चाहिये।
कार्यकम के चेयरमेन लक्ष्मणसिंह कर्णावट ने सफल संचालन किया। प्रारम्भ में क्लब अध्यक्ष ओपी सहलोत ने विगत पखवाड़े में आयोजित किये गये तथा सचिव राकेश माहेश्वरी ने आगामी पखवाड़े में आयेाजित किये जाने वाले सेवा कार्यों की जानकारी दी। प्रारम्भ में पदम दुगड़ ने ईश वंदना प्रस्तुत की। डाॅ. एलएल धाकड़ ने वर्मा का परिचय दिया जबकि अन्त में नक्षत्र तलेसरा ने स्मृति चिन्ह प्रदान किया।