जैन सोशल ग्रुप- ‘स्वस्तिक’ उदयपुर द्वारा शहर के विभिन्न भव्य प्राचीन जैन मंदिरों की देव दर्शन की यात्रा कई चरणों में कराई जाने की परिकल्पना के तहत आज शहर के हिरन मगरी में एवं आयड़ स्थित 10 से 12 मंदिरों की यात्रा की गई, जिसमें कई जैन सपरिवार अलसुबह उपस्थित हुए।
जैन सोशल ग्रुप ‘स्वस्तिक’ के अध्यक्ष धीरज छाजेड़ ने बताया किशहर एवं उसके आसपास करीब 75 से ज्यादा जैन मंदिर स्थित है। ‘स्वस्तिक’ ग्रुप की भावना/परिकल्पना है कि हम अपने जैन परिवार के समस्त सदस्यों यथा पति- पत्नी, भाई-बहिन, माता-पिताएवं बच्चों समेत इन मंदिरों की यात्रा विभिन्न चरणों में पूर्ण करें एवं उसके इतिहास,पौराणिक महत्व,प्रतीक चिन्ह एवं भव्यता के बारे में जाने और समझे। ग्रुप की इच्छा है कि नई युवा पीढ़ी जैन समाज की वर्तमान पीढ़ी की साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले एवं बाहर से आकर बसे जैन परिवार इसके महत्व को सीखें। मंदिरों में जाने एवं प्रभु के दर्शन मात्र से ही सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह अपने आप होता हैं, व्यक्ति इसके द्वारा सफलता के सोपान चढ़ सकता है।
स्वस्तिक ग्रुप के मीडिया प्रभारी संजय धाकड़ ने बताया कि ग्रुप ने द्वितीयचरण में शनिवार को प्रातः 6.30 बजे से 9 बजे तक देव दर्शन की भव्य यात्रा विभिन्न वाहनों द्वारा उदयपुर शहर के हिरन मगरी एवं आयड़ परिक्षेत्रमें स्थित 11विभिन्न भव्य एवं निर्माणाधीन जैन मंदिरों के दर्शन एवं उनकी पौराणिक जानकारियों के साथ सम्पन्न की। प्रत्येक मंदिर में स्थित मूर्तियों का अपना चमत्कारिक इतिहास रहा है। पूजा के तौर तरीकों को उपस्थित दर्शनार्थियों को समझाया गया।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक नीतू एवं रितेश दलालने बताया कि पदयात्रा में एकरूपता बनाये रखने के लिए सभी पुरुष वर्ग ने सफ़ेद कुर्ता-पायजामा एवं महिला वर्ग ने केसरिया साड़ी में शिरकत की। सुबह यात्रा के दौरान अन्य नागरिकों ने भी इस मन्दिर दर्शन की परिकल्पना की इस भौतिकता-वादी युग में इस प्रकार के आयोजन की बहुत प्रशंसा की एवं अचरज से इस प्रकार की यात्रा को देखकर भाव विभोर हो गए।
जे.एस.जी. स्वस्तिक के सचिव सुनील गांग ने बताया कि ‘एक कदम जिनालय की ओर’ वर्षपर्यन्त प्रत्येक माह होने वाला सतत कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हम उन सभी जैन सदस्यों को इससे जोड़ना चाहते है जिनको जैन मंदिरों का स्वर्णिम इतिहास एवं पुरावैभव जानने समझने की इच्छा है। प्रत्येक जिनालय में लक्की ड्रा निकाले गए,जिन्हे समापन पर आयड़जैन मंदिर में औषधीय पौधे लगे हुए गमले प्रदान किये गए। स्वस्तिक ग्रुप के बोर्ड सदस्य राकेश बापना एवं कोषाध्यक्ष दीपक लोढ़ा ने बताया कि ग्रुप द्वारा समस्त जैन सोशल ग्रुप के सदस्यों से आव्हान किया गया है कि जन्मदिन, वर्षगांठ एवं अन्य मांगलिक प्रसंग होने पर उपहार स्वरूप पौधे लगे हुए गमले देने की प्रवृत्ति सभी मेंहोनी चाहिए, जिससे पर्यावरण सुरक्षा के साथ शहर की सुंदरता में योगदान देने के लिए बौद्धिक क्षमता का भी विकास होगा।
मेवाड़ रीजन के चेयरमैन आरसी मेहता एवं जेएसजी के इंटरनेशनल डायरेक्टर रोशनलाल जोधावत ने स्वतिक ग्रुप की इस परिकल्पना को पुरे भारत वर्ष में एकमात्र एवं ऐतिहासिक कार्यक्रम बताया। मेवाड़ रीजन के अरुण मांडोत,जीतेन्द्र हरकावत,महेंद्र पोखरना आदि उपस्थित थे।ग्रुप की सभी महिलाओं पुरुषों द्वारा मंदिर प्रांगण में विभिन्न स्तवन एवं प्रभु भक्ति के गीत एक स्वर में गाए।
ग्रुप के उपाध्यक्ष अभय साँखला के अनुसार जिनालय यात्रा के दौरान किसी भी आपात चिकित्सा व्यवस्था के तहत फोर्टिस जे.के. हॉस्पिटल द्वारा हॉस्पिटल की टीम आई.सी.यू. ऑन व्हील के साथ पूरे मार्ग में मौजूद रही। प्रशासन की तरफ से हिरन मगरी एवं भूपालपुरा पुलिस का जाप्ता पूरे मार्ग में तैनात रहा। जेएसजी स्वस्तिक द्वारा सभी सम्मिलित पदयात्रियों हेतु नवकारसी की व्यवस्था आयड़ जैन मंदिर में कई गयी। आगामी महीनों में स्वस्तिक ग्रुप द्वारा 2500 गमले पौधों के साथ देने का प्रण लिया गया।