कला गुरु डॉ सुमहेन्द्र की स्मृति में आयोजित किया गया था चार दिवसीय शिविर
जयपुर। राजस्थान ललित कला अकादमी में चल रहे 4 दिवसीय समसामयिक चित्रकला कैम्प एवं परिचर्चा के शिविर के समापन अवसर पर राज्य के वरिष्ठ चित्रकार डॉ शैल चोयल ने शिविर में निर्मित कृतियों की प्रसंशा करते हुए कहा कि इस प्रकार के शिविरों से कलाकारों की कार्यशैली, तकनीक एवं विचारों का आदान- प्रदान होता है और कला परिपक्व होती है। उन्होंने इस आयोजन के लिए कलावृत्त एवं स्नेहा आर्ट गैलरी का धन्यवाद किया।
राजस्थान ललित कला अकादमी के सचिव विनय शर्मा ने आयोजन की महत्ता पर अपने विचार प्रगट किये एवं सभी कलाकारों से आग्रह किया कि स्तरीय आयोजनों के लिए अकादमी के द्वार कला संस्थाओं एवं कलाकारों के लिए हमेशा खुले है। स्नेहा आर्ट गैलरी की संस्थापक डॉ स्नेहलता प्रसाद धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी कलाकारों का आभार जताया। इस अवसर पर चंडीगढ़ के वरिष्ठ मूर्तिकार ह्र्दय कौशल ने इस तरह के आयोजनों के नियमित करने की जरूरत को बताया एवं शिविर में आये सभी कलाकारों के कार्य की प्रसंशा की। अंत मे कलावृत्त के अध्यक्ष संदीप सुमहेन्द्र ने शिविर में आगन्तु सभी कलाकारों एवं अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद किया। साथ ही उन्होंने अपने पिता व गुरु डॉ. सुमहेन्द्र शर्मा की स्मृति में आयोजित किए जाने वाले विभिन्न शिविरों और एग्जीबिशन को परंपरा के रूप में लगातार किए जाने के अपने उद्देश्य को भी दोहराया, जिसमें सभी कलाकारों व कलाविदों ने अपना सहयोग देने का भरोसा भी जताया।