राष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर कार्यशाला
उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पीटल के पेसिफिक सेन्टर आॅफ न्यूरो साईन्सेस की ओर से 17 नबम्वर को राष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला को सम्बोधित करतें हुए पीसीएनएस के निदेशक डाॅ.अतुलाभ वाजपेयी ने कहा कि जन्म के समय बच्चें के मस्तिष्क को आॅक्सीजन ने मिलने एवं समय पर टीकाकरण न कराने के कारण मिर्गी रोग की संभावना बढ जाती है। उन्होने कहा कि मस्तिष्क में प्रभाहित होने वाली इलेक्ट्रिक विधुत धारा की संरचना में बदलाव के कारण मिर्गी रोग होता है। मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ डाॅ. सौरभ गुप्ता ने मिर्गी के मरीजों तथा उनके परिजनों को मिर्गी से जुडे लक्षणों, मिर्गी से सम्बन्धित अन्धविश्वास, कारणों एवं मिर्गी कें बचाव सम्बन्धित तथ्यों पर प्रकाश डाला। डाॅ. गुप्ता ने कहा कि मनुष्य को दोपहिया वाहन चलातें समय हमेश हेलमेट का उपयोग करना चाहिए क्यों कि कई व्यक्तियों को दुर्घटना के दौरान हेलमेट नहीं होने के कारण सिर में चोट लगने से मिर्गी की बीमारी का शिकार होना पडा। मिर्गी रोग के अन्य कारणों में स्ट्रोक,ब्रेन ट्यूमर एवं मस्तिष्क संक्रमण आदि है।
कार्यशाला के दौरान मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ डाॅ.अखिलेश श्रोती ने कहा कि मिर्गी के रोगी को वाहन चलाने एवं तैरने से बचना चाहिए साथ हमेशा स्वस्थ भोजन लेना चाहिए। उन्होने कहा कि मिर्गी रोग को दवाईयों से नियंत्रित किया जा सकता है साथ ही जरूरत पडनें पर सर्जरी द्वारा भी उपचार किया जा सकता है। इस अवसर पर पर पेसिफिक सेन्टर आॅफ न्यूरों साईन्सेस के समस्त स्टाफ सहित मिर्गी रोगी एवं उनके परिजन उपस्थित रहे।