तीन दिवसीय जैविक महोत्सव 29 नवम्बर से शिल्पग्राम में
पेसिफिक यूनिवर्सिटी एवं ऑर्गेनिक इण्डिया का साझा प्रयास
विश्व को रासायनिक खेती मुक्त बनाने जुटेंगे देशभर के वैज्ञानिक किसान
उदयपुर। झीलों की नगरी को जहरमुक्त खेती का श्रेष्ठ उदाहरण बनाते हुए, विश्व को रासायनिक खेती मुक्त बनाने देशभर के 25 से अधिक राज्यो के वैज्ञानिक किसान 3 दिवसीय जैविक महोत्सव में 29 नवम्बर से शिल्पग्राम में जुटेंगे।
महोत्सव का उदघाटन केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चैधरी के द्वारा राजस्थान सरकार के पूर्वगृह मंत्री गुलाब चन्द कटारिया, उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा, नीदरलेण्ड के अन्तर्राष्ट्रीय कृषि विशेषज्ञ एडि वान, पदम हुकुमचन्द पाटीदार की उपस्थिति में किया जायेगा।
आयोजन समिति के सचिव रोहितजैन ने बताया कि जैविक महोत्सव 2019 जैविक खेती पर 7वां विशाल राष्ट्रीय द्विवार्षिक सम्मेलन है जिसका आयोजन भारतीय सजीव खेती समाज ;ओर्गेनिक फार्मिंग एसोसियेशन आॅफ़ इण्डिया (ओफाइ)द्ध के बेनर तले पेसिफिक यूनिवर्सिटी एवं ओर्गेनिक इण्डिया की सहभागिता से देशभर के ख्यातनम जैविक कृषि वैज्ञानिको, स्वयं सेवी संस्थाओ, किसानो व स्वयंसेवको के सहयोग से हो रहा है। उन्होने बताया कि ‘ओफाइ’ की स्थापना वर्ष 2002 में भारत के वरिष्ठ, अनुभवी किसानो और पर्यावरणविद् सदस्यों ने की जिसका मूल उद्देश्य जैविक खेती को प्रोत्साहित करना, सरकारी संस्थाओं और विभागों के साथ जुड़ना, टिकाऊ खेती पर अधिक ध्यान देना, किसानों की मदद कर उनको रसायनिक खाद और कीटनाशको से परहेज़ करते हुए जैविक खेती के तरीकों को प्रचारित करना है।
‘ओफाइ’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष केण्पीण् इलियास ने बताया कि राजस्थान के लिए यह पहला अवसर है जिसमें राष्ट्रीय स्तर से किसान भाई-बहन और ‘ओफाइ’ से जुड़े लोग भाग लेंगे। यह सम्मेलन सम्पूर्ण भारत से आये जैविक किसानो को सीखने- सिखाने व आगे बढने का उत्कृष्ट अवसर प्रदान करेगा। प्रसिद्ध वैज्ञानिक, अनुभवी व विशेषज्ञ जैविक किसान, देसी बीज संरक्षक, शोधकर्ता और जैविक उद्यमी सभी एक मंच पर जैविक खेती में विकास हेतु एकत्रित होंगे जिसका एकमात्र उद्देश्य हमारे किसानो का सर्वांगीण विकास और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना है।
उन्होने बताया कि इस वर्ष के एक नए प्रयास के रूप में हम उन ग्राहकों को शामिल कर रहे है जिन्होंने जैविक उत्पाद को खरीदकर जैविक आन्दोलन में सहयोग किया। जैविक खेती में प्रत्येक स्तर पर युवाआंे की भागीदारी महत्वपूर्ण है, इसलिए युवाओं से संबंधित कई कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। युवाओं के लिए बिजनेस इन्क्यूबेशन प्रोग्राम के द्वारा जैविक खेती के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहन व मदद मिलेगी।
ग्रेटर नोएडा में वर्ष 2017 की आर्गेनिक वल्र्ड कांग्रेस की विशाल सफलता के परिणाम स्वरुप उस कार्यक्रम के सहभागी राज्य अपने राज्यों में जैविक खेती के कार्योको आगे बढाते रहे हैं, जिसके अंतर्गत नीतियों मे बदलाव व नवाचार सम्मिलित है। इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के लिए स्टेट पेवेलियन है, यह स्थान उन राज्यों के लिए उपलब्ध है जो अपने राज्य में जैविक खेती के लिये महत्वपूर्ण प्रयास कर रहे है।
इस जैविक महोत्सव में जैविक आन्दोलन का हिस्सा बनने के लिए हम आप सभी को आमंत्रित करते हैं जिसके मुख्य आकर्षण होंगे-
जैविक आहार उत्सव
एक अनोखा उत्सव जिसमे भारत के सभी भागो के विशेष स्वादिष्ट व्यंजनों को वहां के ही लोगों द्वारा बनाकर परोसा जाएगा। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओ को परम्परागत और जैविक स्वास्थ्यवर्धक भोजन के साथ पुनः जोड़ना है। इस उत्सव के माध्यम से हम लोगों तक भारत की विशाल पारम्परिक व्यंजनों की पौष्टिकता व स्वाद का अनुभव करायेंगे। हमारा प्रयास है कि हम लोगों को अपने धन धान्य पूर्ण भोजन की विरासत से पुनः जोड़ें।
तारीख: 1 दिसम्बर 2019 दोपहर 12.00 बजे से
भोजन और खेती पर राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव
भोजन और खेती पर राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय फिल्म – जैसे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण , जैविक और पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली, जल संरक्षण, खाद्य सुरक्षा, किसानों के सफल अनुभव आदि फिल्में उत्सव में प्रदर्शित की जाएगी।
तारीख: 1 दिसम्बर 2019 प्रातः 10.00 बजे से
गाबा: बीजसेकपड़ेकासफ़र
गाबा:बीजसेकपड़ेकेसफ़रकीप्रदर्शनीका एक अनोखा प्रदर्शन है, जिसमें नाट्य कलाकार अपने अंदाज में देसी कपास से बने वस्त्र, जिन्हें प्राकृतिक रंगों से रंगा गया है, उसकी प्रदर्शर्नी करेंगे। इन वस्त्रों को बुनकरों द्वारा हाथ से बुना गया है। आर्गेनिक फार्मिंग एसोसिएशन आॅफ़ इंडिया ने ड्रेस डिजाइनर्स के साथ मिलकर जैविक व हथकरघा के पहनावो को प्रोत्साहित कर रही है जो सभी के लिए अनुकूल हो और दैनिक जीवन में उपयोग किये जा सके।
यह शो एक वैल्यू चैन को प्रदर्शित करता है जो देसी कपास किसान से लेकर उपभोक्ता के पास तक पहुंचने का सफर बताती है। इसका उद्देश्य देसी कपास के विषय में जागरूकता लाना, हथ करघा व प्राकृतिक रंगों के कपड़ों को चलन में लाना है।
इस कार्यक्रम के अंर्तगत कपड़ा व कपड़े के उत्पादन के साथ जुड़े निर्माताओं, डिजाईनर्स, विद्यार्थीगण व जैविक उद्यमियों के बीच संवाद भी होंगे।
तारीख: 30 नवम्बर , 2019 सायं 6.00 बजे से
आई की हांडी
माँ, दादी और नानी के हाथ के परम्परागत व्यंजनों की प्रतियोगिताआंे का आयोजन किया जायेगा। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य लुप्त हो रहे व्यंजनों को पुनः जीवन देना, जंक फ़ूड की तुलना में घर के पोषक व स्वादिष्ट भोजन को बढ़ावा देना है। इसके अन्तर्गत भारत के भिन्न-भिन्न राज्यों के व्यंजनों को सम्मिलित किया जायेगा जो खाने के शौकिन लोगो के लिए सुअवसर होगा। प्रतिस्पर्धियो द्वारा तैयार किये गये व्यंजन सभी को चखने के लिए उपलब्ध होंगे।
तारीखः 1 दिसम्बर, 2019 प्रातः 10.00 बजे से 12.00 बजे
बीज जैव विविधता उत्सव
बीज खेती की एक मुलभुत आवश्यकता और जीवन रेखा है। कई पीढ़ियों से स्थानीय कृषक समुदायों द्वारा परम्परागत बीजांे का संरक्षण, वितरण और पुनः प्रयोग किया जाता रहा है। यह महोत्सव सम्पूर्ण भारत से भिन्न-भिन्न बीज संरक्षकों और जैविक किसानो को एक साथ परम्परागत /देसी बीजांे की प्रजाति की पोषकता और उत्पादकता के माध्यम से जोड़ेगा।
सम्पूर्ण भारत से 200 बीज संरक्षक भाग लेंगे जो अपने साथ अनाज, दाल, मिलेट्स (पोष्टिक धान), सब्जियां, फल और जमीकंद की 4000 से भी अधिक किस्मो का प्रदर्शन करेंगे।
गौ धन माडल
यह माडल जैविक खेती में परम्परागत देसी गायों की महत्ता को प्रदर्शित करेगा। इसमें गोबर और गौमूत्र से बने भिन्न-भिन्न उत्पाद जैसे ईटे या वैदिक प्लास्टर की कार्यशाला व प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी।
किसान हाट
किसान हाट एक बाजार है, जिसमें पूरे देश से आए जैविक किसान अपने उत्पाद को सीधा उपभोक्ताओ को बेच सकते हैं। इससे उपभोक्ताओं को विश्वसनीय जैविक उत्पाद की खरीद के विषय में जानकारी मिलेगी और साथ ही उपभोक्ता सीधे किसानांे से बातचीत कर पायंेगे। यह मंच किसानों को जैविक उत्पाद, खाद्य उत्पाद और मूल्य वर्धित उत्पादों के क्रय विक्रय का सुअवसर प्रदान करेगा।
सांस्कृतिक कार्यक्रम
महोत्सव के दौरान प्रत्येक शाम को देश के विभिन्न भागों से आये किसानो द्वारा परम्परागत संगीत और नृत्य प्रस्तुत किया जायेगा। इस कार्यक्रम में हमारे आदिवासी किसान भाई-बहन खेती व भोजन से जुड़े लोकगीत, संगीत व कला का मंचन करेंगे।
विभिन्न कार्यशालाएं, प्रर्दशनिया व जीवंत प्रस्तुतिया
शहरी बागवानी, छत पर खेती, प्राकृतिक डाई तथा मिट्टी को उपजाऊ बनाने संबंधी कई कार्यशालाएं व प्रदर्शनियां आयोजित की जाएगी। जिसके द्वारा एक दुसरे से सीख, समझ और चर्चा द्वारा ज्ञान का आदान-प्रदान किया जायेगा। विशेषज्ञ किसानो द्वारा अपने अनुभवों की चर्चा होगी। औषधीय पौधे और उनके उपयोग का माडल भी प्रस्तुत किया जायेगा।
जैविकखेत और जैविक खादों की प्रदर्शनी
किसानो व वैज्ञानिको के प्रयासों से विशेष जैविक फार्म तैयार किये गये हैं जो यह बतायेंगे कि जैविक तकनीक से अधिक उत्पादन वाली फसलंे कैसे उगाई जाती है। विभिन्न राज्यों के समूहों द्वारा उनके जैविक खेती की तकनीक और प्रक्रिया का प्रदर्शन किया जायेगा।
जुगाड़ मंच
यह एक ऐसा मंच है, जहां देश के वैज्ञानिक किसानों ने जैविक खेती को आसान बनाने के लिए जो नवाचार या जुगाड़ किये हैं, उसका यहाँ प्रदर्शन किया जायेगा। और यह मंच उसके जुगाड़ या नवाचार को देश के अन्य किसानों तक पहुंचाने का एक माध्यम बनेगा।
एग्रीप्रेन्योर स्टार्टअप केम्प
युवा किसानों के अपने नवाचार के आईडिया को बिजनेस रूपदेने की कार्यशाला आयोजित की जायेगी तथा किसान कैसे अपने आईडिया को मूर्तरूप दे तथा कहां से वित्तीय सहयोग प्राप्त करे, इसकी जानकारी दी जायेगी। इसमें कई सफल युवा उद्यमियों से उनके अनुभव जानने का सुअवसर मिलेगा।