आर्गेनिक महोत्सव 2019: कबीर के दोहों ने याद दिलायी गांव की मिट्टी
उदयपुर। आॅर्गेनिक फार्मिंग एसोसिएषन आॅफ इंडिया की ओर से षिल्पग्राम में हो रहे आॅर्गेनिक महोत्सव 2019 के दूसरे दिन मेवाड़ और गांव की मिट्टी का अलग ही रूप दिखायी दिया। आॅर्गेनिक फैषन शो में जहां मेवाड़ की झलक दिखायी दी तो कबीर काॅन्सर्ट में कबीर के दोहों ने गांव की मिट्टी, हमारी संस्कृति और संस्कारों की याद दिलायी।
पेसिफिक यूनिवर्सिटी के एग्रीकल्चर काॅलेज के साझे में हो रहे इस आॅर्गेनिक महोत्सव के दूसरे दिन विभिन्न सत्रों में विषेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए। वहीं कई स्कूलों और काॅलेज के छात्रों ने जब आॅर्गेनिक हाट को देखा तो तरह-तरह की बीज, दूसरे राज्यों में उगने वाली एक-एक किलो की एक-एक लंबी भिंडी, बेम्बो राइस देखकर चैंक गए। बच्चों ने कहा हमारी संस्कृति ही नहीं, हमारे देष की मिट्टी में भी विविधता है। एक राज्य की मिट्टी में जो उगता है, वह दूसरे राज्य में नहीं उग पाता।
काॅटन और खादी के कपड़ों का हुआ गाबा फैशन शो: आयोजकों ने आॅर्गेनिक महोत्वस के दूसरे दिन शाम को गाबा फैशन शो आयोजित किया। मेवाड़ में कपड़े को घाबा बोलते हैं, इसलिए शो का नाम गाबा फैशन शो रखा गया। इसमें युवाओं ने विभिन्न राज्यों में बने काॅटन और खादी के कपड़ों में रैंप पर वाक किया। वहीं एक किसान गायक ने कबीर के दोहों को पढ़कर लेकसिटी की सर्द शाम में रूमानियत भर दी।