पेसिफिक यूनिवर्सिटी, उदयपुर और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय “राज्यस्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस-2019” का समापन हुआ, जिसका मुख्य विषय ” स्वच्छ हरित और स्वस्थ राष्ट्र के लिए विज्ञान, तकनीक एवं नवाचार” था।
मुख्य अतिथि पेसिफिक यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. भगवान दास राय एवं विशिष्ट अतिथी प्रोजेक्ट डायरेक्टर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग श्रीमति साधना माथुर थी। संयोजक एवं फैकल्टी ऑफ़ इंजीनियरिंग के निदेशक पियूष जवेरिया ने सभी विद्यार्थियों को उत्साहित किया और नवाचार अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने राज्यभर से आये छात्रों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाओं सहित विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में रूचि रखने एवं समाज व देशहित में इसका उपयोग ज्वलंत समस्याओ का समाधान निकालने हेतु प्रेरणा दी, एवं कार्यक्रम में सम्मिलित सभी लोगो को धन्यवाद दिया। परियोजना अधिकारी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग उदयपुर, मनीष जैन ने दो दिवसीय कार्यक्रम की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की एवं बालवैज्ञानिक विजेताओं की घोषणा की एवं छात्रों में वैज्ञानिक द्रष्टिकोण विकसित करने की प्रेरणा दी और राज्य स्तर पर चयनित इन 30 प्रोजेक्ट्स को 27 -31 दिसंबर 2019 को राष्ट्र स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2019, तिरुवनंतपुरम (केरल) में भाग लेने के लिए उपस्थित होना हैँ। कार्यक्रम के पहले दिन राजस्थान राज्य के विभिन्न जिलों से चयनित विध्यार्थीयो द्वारा अपने द्वारा बनाये गए विभिन्न तरह की परियोजनाओं का प्रस्तुतिकरण विषय विशेषय व मूल्यांकनकर्ताओं के समक्ष किया गया। परियोजनाओ के उप विषय परिस्तिस्थिकी एवं पारिस्तिथिकी तंत्र, स्वच्छ और स्वस्थता, समाज ,संस्कृति और रोजीरोटी ,स्वदेशी ज्ञान तंत्र आदि थे इसके लिए विद्यार्थियों ने ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में हो रही समस्याओं के निवारण को विज्ञान और तकनीकी की सहायता से बताया। इस दिशा में कोटा से आये पलाश गौतम ओर जोधपुर से आयी मुस्कान ने बायोडेग्रेबल सेनेट्रेरी नेपकिन के बारे में बताया जो कि गरीब महिलाओं के लिए बहुत ही कम दाम में उपलब्ध हैं। इसके साथ ही जयपुर से आये विट्ठल शर्मा ने पक्षाघात की समस्या ट्राइग्लिसराइड्स नामक बीमारी के समाधान के लिए प्रारूप प्रस्तुत किया। साथ ही जैसलमेर से आये इसान पांडेय ने प्लास्टिक के द्वारा पर्यावरण को नुक्सान होने से बचाने के लिए उसके पुनः उपयोग होने हेतु तरीको के बारे में बताया। साथ कोटा से आये दक्ष मीणा ने आयल स्पिल ट्रीटमेंट विथ हेयर के उपयोग से प्रदूषण की समस्या का निवारण बताया। साथ ही पिलानी से आये विध्यार्थियो ने हवा को घुमाकर उसके शुद्धिकरण तथा प्रदूषित हवा को साफ करने का यन्त्र बनाया जिसका मूल्य मात्रा 600 रूपए बताये। साथ ही चिड़ावा पिलानी से आयी पूजा तनुश्री ने उत्कृष्ट तरीके से घरेलु प्रदूषित पानी जैसे कपडे धोने से निकला पानी को स्वच्छ करने के लिए बताया। कार्यकम में प्रोफेसर हेमंत कोठरी, डीन पीजी एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की और से भुवनेश शर्मा, राकेश परिहार और डॉ.सुनील दुबे सदस्य एनसीएसटीसी की उपस्थित थे। संचालन डॉ. राजू कुमार स्वामी ने लिया एवं मंच संचालन आकांशा कौशिक ने किया।