उदयपुर। राष्ट्र संत गुरुमा गणिनी आर्यिका 105 श्री सुप्रकाश मति माताजी 5 आर्यिकाओं के साथ परिवार संस्कार पद यात्रा आज बिछीवाड़ा पंहुची। जहंा से वह शाम को कोल्यारी मंगल में संस्कार पर विशेष प्रवचन हुए।
सुप्रकाश ज्येाति मंच के राष्ट्रीय संयोजक ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि यात्रा यंहा दो 2 दिन के पड़ाव के पश्चात 12 जाड़ा पिपला किराट ढिकलिया के लिये रवाना होगी। जंहा से वह 13 कोे मगवास पंहुचेगी। वहंा पदयात्रा का भव्य मंगल स्वागत होगा। इसके लिये समस्त ग्रामवासी,पूरा मगवास प्रशासन और सकल जैन समाज माताजी की अगवानी की तैयारी में जुटा हुआ है।
गुरुमा का एक ही उद्देश्य है संस्कार को पुनः स्थापित कर स्वस्थ संस्कारी समृद्ध भारत का निर्माण वो भी 13वर्ष की उम्र से यात्रा चल रही आज गुरुमा की उम्र 54वर्ष की होचुकी 41वर्ष के सयम के मार्ग मे व्यतीत हो गए और आप की पैदल यात्रा वो भी बिना कोई पहने चलते जा रहे, जिसमें मगवास पड़ाव तक 61281किलोमीटर पद यात्रा हो जाएगी। गुरू मां ने इतना पैदल चलते ना कभी सर्दी देखते ना गर्मी केवल वर्षाकाल का 4 माह एक जगह रह कर अपनी यात्रा पुनः प्रारम्भ कर देती है। गुरू मां द्वारा संस्कार को लेकर उदयपुर के बलीचा मंे ध्यानोदय क्षेत्र का निर्माण निर्देशन भी हुआ। गुरु मंा द्वारा ध्यान अध्यात्म और योग की विशेष शिक्षा दे कर मनुष्य कैसे अपने जीवन को जी सकता है यह एक विशाल ध्यान शाला का निर्माण कर सिखाया जायगा। जिसका निर्माण 15 फरवरी 2020 को प्रारम्भ होगा,जहंा बाल्यकाल से ही विशेष मनुष्य ही शायद ऐसा कर पाते होंगे।