पेसिफिक विश्वविद्यालय में ‘लीडरशिप’ पर कार्यशाला
प्रबंधन एवं जीवन में सफल होने के लिए संवाद के दौरान एवं अपनी भूमिका के प्रति assertive अर्थात अपनी बात पर दृढ़ होना आवश्यक है। सफल व प्रभावी लीडर वही है जो एग्रेसिव हुए बिना भी assertive हो सके। यह गुर अंतरराष्ट्रीय लीडरशिप कोच सिंगापुर से पधारी पूजा तलेसरा ने पेसिफिक में आयोजित कार्यशाला में प्रतिभागियों को दिए।
वे पेसिफिक विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट द्वारा लीडरशिप विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रही थी। उन्होंने ‘बिल्डिंग योर assertive muscle ‘एवं breakdown टू ब्रेक थ्रू ‘ थीम पर आधारित मॉड्यूल पर विभिन्न सत्रों में अनेक स्लाइड, व्यवहारिक उदाहरणों एवं रोलप्ले की सहायता से अच्छी लीडरशिप एवं प्रभावी संवाद के बारे में प्रतिभागियों को अनेक टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि संवाद को प्रभावशाली बनाने के लिए कहने का तरीका भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि क्या कहा जा रहा है ।
कार्यशाला के समापन पर अपने उद्बोधन में फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट की डीन प्रोफेसर महिमा बिरला ने जीवन में, विशेषकर प्रबंधन के क्षेत्र में, अच्छी नेतृत्व क्षमता एवं प्रभावी संवाद के महत्व को समझाया ।उन्होंने जोर देकर बताया कि प्रबंधक और कर्मचारी के मध्य विश्वास भाव को विकसित करना अति आवश्यक है।उन्होंने कहा कि प्रबंधन प्रोफेशनल में निरंतर व्यक्तित्व विकास के उद्देश्य से पेसिफिक फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट द्वारा ऐसे कार्य शालाओं का आयोजन समय-समय पर किया जाता है।
कार्यशाला संयोजक प्रोफेसर दीपिन माथुर व डॉ पल्लवी मेहता ने जानकारी दी कि इस कार्यशाला का आयोजन ‘ बी द सीईओ ऑफ़ योर लाइफ’ विषय पर किया गया था। कार्यशाला में जयपुर, जोधपुर, चित्तौड़ ,भीलवाड़ा व उदयपुर की विभिन्न औद्योगिक एवं अकादमिक संस्थानों के 30 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यशाला को प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय लीडरशिप कोच सिंगापुर की पूजा तलेसरा ने संबोधित किया जिन्हें अनेक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।