फेकल्टी आफ इंजिनीयरिंग पेसिफिक विश्वविद्यालय आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व डाटा एनेलेटिक्स पर वेबिनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में अमेरिका से निखील पारीख, युनिवर्सिटी आॅफ टेक्सास, डॅलास थे। उन्होने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व डाटा साइंस के क्रियान्वयन के बारे में बहुत चर्चा की।
उन्होने बताया कि कैसे मशीन लर्नींग के उपयोग से बनायें गए डाटा रोबोट हर कार्य को बहुत आसानी से कर रहे हैै। इसके द्वारा मानव का कार्य करना आसान हो गया है व कई जगह पर मुश्किल कार्य मानव की तुलना में आसानी से कर लेते है। ग्राफिक्स के द्वारा उन्होने बताया कि आज मेडिकल साइंस में गंभीर से गंभीर बिमारीयो का ईलाज भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के डाटा संभव हो सकता है। कोरोना जैसी महामारी में भी आर्टिफिशीयल इंटेलीजेंसी का उपयोग किया जा रहा है। हिस्ट्रोपेथोलोजी में भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का बहुत महत्व दिनो दिन बढ़ता जा रहा है। उन्होने वेबिनार के जरिये करिब 600 विद्यार्थियो को देश-विदेश से संबोधित किया।
यह एक बहुत अच्छा माध्यम जहा पर पेसिफिक विश्वविद्यालय व टेक्सास विश्वविद्यालय अमेरिका के व्याख्या द्वारा इस प्रकार एक प्लेटफार्म पर संबोधन किया।
फेकल्टी आॅफ इंजिनीयरिंग, पेसिफिक विश्वविद्यालय के पियुष जावेरिया भी पैनल के आमंत्रित सदस्य थे, ने बताया कि पेसिफिक विश्वविद्यालय में भी इस वर्ष से बी. टेक. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व डाटा साइंस के कोर्स चालु किये जा रहे है जिसमें आईनरचर जो कि भारत टेक्नोलोजी शिक्षा में अग्रणीय है के साथ संयुक्त रूप से यह कोर्स चलाये जाऐगे। उन्होंने बताया कि जिस तरह से दुनिया कोविड़-19 की महामारी से जूझरही है उसमें प्रौदयोगिकी के नेतृत्व वाले समाधानों और विशेष रूप से सक्षम ए.आई और डाटा साइंस तकनिकों का उपयोग कर रागियों का उपचार और उनकी देख-रेख सम्भव है।
इस कोर्स को करने के बाद गुगल, माइक्रोसोफ्ट, फेसबुक आदि बहुराष्ट्रिय कंपनी में प्लेसमंेट संभव हो जाएगा। इससे पहले प्रो. के. के. दवे, डीन ;।बंकमउपबेद्ध ने विद्यार्थियो का स्वागत किया व विश्वविद्यालय के विभिन्न संचालित विषयो के बारे में बताया। उन्होने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व डाटा एनेलेटिक्स के वेबीनार के महत्व को भी बताया।