उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हाॅस्पिटल,बेदला मैं डायफ्रामेटिक हर्निया नामक दुर्लभ बीमारी से परेशान महिला का सफल ऑपरेशन किया गया। इस आॅपरेशन को अंजाम दिया एडवांस लेप्रोस्कोपिक सर्जन डाॅ. विश्वास जौहरी, डॉ. धवल शर्मा, एनेस्थिटिक डॉ.रविन्द्र, डाॅ. निकिता एवं नर्सिगकर्मी अजय चैधरी की टीम ने।
दरअसल राजसमन्द जिले के मनोहरपुरा गाॅव निवासी 21 बर्षीय पूनम गुर्जर पिछले पांच वर्ष से डायफ्रामेटिक हर्निया नामक जन्मजात विकृति से जनित समस्याओं से पीडित थी। इसके चलते मरीज को कमजोरी,चक्कर आना,भोजन में कठिनाई एवं अत्यधिक उल्टियाॅ आने की शिकायत थी। परिजनों ने पूनम को कई जगह दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके चलते मरीज का पहले भी दो बार आॅपेरशन हो चुका था लेकिन वह सफल नहीं हुआ। परिजन उसे पेसिफिक हाॅस्पीटल बेदला लेकर आए यहाॅ पर सर्जन डाॅ.रेणू राॅवका से सलाह लेकर डाॅ.विश्वास जौहरी को दिखाया,सीटी स्केन जाॅच करने पर पूनम को डायफ्रामेटिक हर्निया का पता चला जिसका की आॅपरेशन द्वारा ही इलाज सम्भव था।
लेप्रोस्कोपिक सर्जन डाॅ.विश्वास जौहरी ने बताया कि मरीज की छाती और पेट को अलग करने वाली माॅसपेशी जिसे डायफ्राम कहते है,में एक बडा सा जन्मजात छेद था,जिसके चलते मरीज का पूरा पेट बडी आॅत एवं तिल्ली छाती मेे चली गई थी और ह्नदय शरीर में बाई से दाई ओर चला गया था। कोरोना लाॅकडाउन के दौरान मरीज की तबीयत अत्यघिक खराब हो गई और उसे लगातार उल्टियाॅ होने लगी और ब्लड प्रेशर काॅफी कम हो गया। लेकिन पेसिफिक हाॅस्पीटल में उच्च स्तरीय चिकित्सकों की टीम एवं बेहतरीन सुविधाओं के चलते इस तरह के जटिल आॅपरेशन करना सम्भव हो सका।
डाॅ. जौहरी ने बताया कि आॅपरेशन के बाद गहन चिकित्सा ईकाई में डाॅ.रमाकान्त एवं बार्ड में डाॅ.नन्दकिशोर ने मरीज की पूरी तरह से देखभाल की साथ ही मेडीसन विभाग के डाॅ.जगदीश विश्नोई ने मरीज के ब्लड प्रेशर और इलेक्ट्रोलाइट्स को पूरी तरह से नियंत्रित किया जिससे मरीज का आॅपरेशन सम्भव हो सका।
इस तरह के आॅपरेशन में लगभग डेढ से दो लाख तक का खर्चा आता है। लेकिन पेसिफिक हाॅस्पीटल में विश्वस्तरीय सुविधा और किफायती दरों के चलते ऐसे जटिल रोगों के मरीजों का इलाज सम्भव हो सका है। परिजनों ने संस्थान के चेयरमेन राहुल अग्रवाल को धन्यवाद दिया। गौरतलब है कि पेसिफिक मेडीकल काॅलेज एवं हाॅस्पीटल कोरोना जैसी महामारी में मरीजों के इलाज के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।