कोरोना महामारी से हुए संकट ने देष में किसानों को भी बहुत हद तक प्रभावित किया है ऐसे में कृषि और पषुपालन संबधित समस्याओं और आर्थिक नुकसान के साथ ही जरूरतमंद किसानों और ग्रामीणों को खाद्यान्न की कमी से भी गुजरना पड़ रहा है। हिंदुस्तान जिंक की समाधान परियोजना ने कोरोना महामारी के बीच उनकी अलग अलग समस्याओं को हल कर लाभ पहुंचा रही है।
बायफ के सहयोग से संचालित इस परियोजना से आस पास के क्षेत्र के जुडे़ 13 हजार किसान लाभान्वित हो रहे हैं जिन्हें खेती में बेहतर उत्पादन के लिए नवीनतम तकनीक और उन्नत कृषि से जोडा गया है। इसके साथ ही 12 हजार ऐसे परिवार है जो कि पशुपालन में भी नवीन प्रयोगो से अपने जीवन स्तर में बदलाव ला रहे हैं। समाधान परियोजना केे तहत् मुख्य उद्धेष्य रूचि रखनें वालें किसानों का समूह बना कर उन्हें नवीनतम तकनीकी को सीखने और अमल में लाने में सहयोग करना है। 2016 से संचालित इस परियोजना से राज्य के 5 जिलों चित्तौडगढ़, भीलवाड़ा, उदयपुर और राजसमंद के किसान लाभान्वित हो रहेे है।
हिन्दुस्तान ंिजं़क के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने कहा कि कोविड 19 महामारी के साथ लाॅकडाउन और विपरित आर्थिक स्थिति किसानों और उनके परिवार के लिए सकंट काल रहा है। ऐसे में समाधान परियोजना द्वारा मजबूत नेटवर्क से हम किसानों तक मदद पहुंचाने में सक्षम हो सके है। समाधान परियोजना से जुडे़ किसानों के समूह से हम राज्य में 20 हजार से अधिक किसानों और परिवारों तक सहायता पहुंची है।
कोरोना में किसानों का सबंल बनी समाधान
हिन्दुस्तान जिं़क ने अपने परिचालन क्षेत्र के आस पास ऐसे किसानों के लिए आगे आया जो कि इस लाॅकडाउन से प्रभावित हुए। बीआईएसएलडी के सहयोग से हिन्दुस्तान ज़िंक ने जागरूकता अभियान चला कर 2 हजार से अधिक किसानों को इससे बचाव की जानकारी दी गयी जो अब भी जारी है। किसानों को कृषि आधारित गतिविधियों के बारे में जागरूकता एवं जानकारी देने के लिए रचनात्मक पोस्टर एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से साझा किया गया। समाधान किसान हेल्पलाइन से किसान सीधे संपर्क कर पशुपालन और कृषि से संबंधित समाधान पाने में सक्षम हैं। इस संकट में खाद्यान्न उपलब्ध कराने के उद्धेष्य से गे्रन बैंक की स्थापना कर इस परियोजना के तहत किसान स्वेच्छा से किसान हित समूहों के माध्यम से अनाज इकट्ठा कर रहे हैं। ग्रामीण स्तर पर स्थानीय प्रशासन के सहयोग से परिचालन क्षेत्र के गांवों के जरूरतमंद परिवारों को 10 किलों अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है। समाधान परियोजना से जुडे़ किसानों इस पहल का सराहनीय समर्थन मिला एवं किसानों द्वारा 5 हजार किलो अनाज इकट्ठा करने में सफलता हासिंल की है। यह अनाज जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचाया जा रहा है।