प्रदेश का पहला केस
उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के पेसिफिक सेन्टर आॅफ न्यूरों साइन्सेंस में चित्तौड़गढ़ निवासी 15 वर्षीय सोनाली शर्मा(परिवर्तित नाम) के ब्रेन हेमरेज का सफल इलाज कर उसे नया जीवन दिया। प्रदेश में इस तरह का यह पहला केस है।
दरअसल सोनाली शर्मा(परिवर्तित नाम) को अचानक सिरदर्द व बेहोशी की शिकायत होने पर परिजनों ने स्थानीय चिकित्सक को दिखाया,मरीज की सी. टी. स्कैन कराने पर पता चला कि उसे ब्रेन हेमरेज है। चिकित्सको ने रोगी का एम.आर.आई. व सी. टी. एंजियोग्राफी कराया पर ब्रेन हेमरेज के कारणों का पता नही चला। रोगी के परिजन उसे पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, भीलों का बेदला, उदयपुर के आपातकालीन विभाग में लेकर आए जहाँ पर रोगी के मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी की कोर्ड की एंजियोग्राफी कराई तो पता चला की स्पाइनल कॉर्ड में सी 2 से सी 5 तक बड़ा वेर्टेबरो वर्टिब्रल आरटेरिओ वेनस फिस्टुला है। इससे वेन्स में दबाव बढ़ने से मस्तिष्क की नस फट गई व ब्रेन हैमरेज हो गया।
इन्टरवेशनल न्यूरोलाॅजिस्ट डाॅ.अतुलाभ वाजपेयी ने बताया कि मरीज की जांच करने पर न्यूरोफाइब्रोमेंटोसिस पाया गया। यह अत्यंत रेयर केस होने पर इसको लिक्विड एम्बोलाइजेशन द्वारा एंजियोग्राफी आधारित तकनीक से इसे बंद किया गया। रोगी को उपचार समय पर मिल जाने के फलस्वरूप रोगी को आगे भविष्य में हेमरेज होने से बचाया गया अन्यथा रोगी को अपंगता का शिकार भी होना पड़ सकता था।
डाॅ. वाजपेयी ने बताया कि प्रदेश में यह प्रथम रिपोर्टेड केस है। ये एक बहुत हाई रिस्क केस था क्योंकि इसके दौरान मात्र 30 सेकंड में स्पाइनल कॉर्ड डेमेज होने सेे पूरे शरीर मे लकवा हो सकता था और रोगी की जान भी जा सकती थी। इस जटिल ऑपरेशन को पेसिफिक के वरिष्ठ इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अतुलाभ वाजपेयी, डॉ. रमाकांत, डॉ. अखिलेश श्रोती, चिंतन जोशी की टीम ने सफलता पूर्वक पूरा कर रोगी को अपंगता से बचाया है। रोगी वर्तमान में पूर्णतया स्वस्थ है।