पेसिफिक स्कूल आफ लाॅ, पेसिफिक युनिवर्सिटी में नागरिक सुरक्षा एवं आपदा प्रबन्धन विषयक एक वेबिनार का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि व वक्ता अमित शर्मा, उप-नियंत्रक, नागरिक सुरक्षा उदयपुर, प्रोण्डाॅण् राजेश कुमार, विभागाध्यक्ष-पर्यावरण विज्ञान, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, किशनगढ़, अजमेर, दिलपाल सिंह राणा- पूर्व कमाण्डेन्ट अधिकारी एवं गुरदेव सिंह सैनी, निदेशक-राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा महाविद्यालय, नागपुर थे।
अतिथियों का स्वागत करते हुए पेसिफिक युनिवर्सिटी के अध्यक्ष डाॅ. केके दवे ने कार्यक्रम का महत्व बताया। मुख्य वक्ता अमित शर्मा ने आपदा प्रबन्धन को समझाते हुए नागरिक सुरक्षा का महत्व बताया। साथ ही उन्होने उचित एवं आवश्यक प्रशिक्षण पर भी जोर दिया। इसके पश्चात् अगले वक्ता प्रो राजेश कुमार ने आपदा शब्द की परिधि में आने वाली घटनाओं की आवश्यक शर्तो को बताया और साथ ही प्राकृतिक आपदा के प्रकारों को बताते हुए मानव निर्मित ग्लोबल वार्मिंग के घटकों को समझाया। तद्परांत दिलपाल सिंह राणा ने आपदा प्रंबधन से जुडे सभी पहलुओं पर विस्तृत व्याख्यान देते हुए स्वयंसेवकों के दायित्व एवं आवश्यक प्रशिक्षण पर जोर दिया। श्री राणा ने कहा कि हर आम नागरिक को भी आपदा प्रबंधन की आधारभूत जानकारी होनी चाहिए।
अंतिम वक्ता के रूप में गुरदेव सिंह सैनी ने नागरिक सुरक्षा के उद्भव को बताते हुए कहा कि द्वितिय विश्वयुद्व के पश्चात् नागरिक सुरक्ष जैसी बात सामने आयी। उन्होनें कहा कि नागरिक सुरक्षाकी प्राथमिकता है- ’’उत्तरजीवन’’ और इसके लिए आवश्यक है- व्यवहारिक ज्ञान, क्योंकि बिना व्यवहारिक ज्ञान के उत्तरजीवन संभव नहीं है। साथ ही उन्होने कहा कि आपदा प्रबन्धन को हमारी पहली सामाजिक इकाई- ’’परिवार’’ से ही सीखा और समझा जा सकता है। पेसिफिक स्कूल आफ ला के निदेशक डा. सुभाष शर्मा ने समस्त अतिथिगणों एवं वक्तागणों को साधूवाद ज्ञापित किया। डा. शर्मा ने कार्यक्रम के विषय की सार्थकता बताते हुए सभी को अपने अधिकारों पर जोर देने की बजाय दायित्व निर्वहन की बात कही। संचालन डा. मनोज जोशी, सहायक आचार्य पेसिफिक स्कूल आफ ला ने किया। कार्यक्रम के समन्वयक अमरसिंह राठौड़ थे।