कलावृत्त द्वारा आयोजित राष्ट्रीय समसामयिक लघु चित्रण कार्यशाला
राजस्थान के प्रसिद्ध चित्रकार, मूर्तिकार एवं कलाशिक्षक डॉ. सुमहेन्द्र के 78वें जन्मदिवस पर उनकी स्मृति में देश की पारंपरिक लघु चित्र शैलियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन हुआ।
संस्था अध्यक्ष संदीप सुमहेन्द्र ने बताया की कोविड परिस्थितियों के कारण यह लघु चित्रण कार्यशाला ऑनलाइन आयोजित की गई थी। निर्णायक मंडल द्वारा इसमे सृजित चित्रों में से श्रेष्ठ पांच कलाकारों की कृतियों को क्रमशः पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय सम्मान गंगा नारायणन-दिल्ली, पद्मश्री कृपालसिंह शेखावत सम्मान डॉ. शंकर शर्मा-जोधपुर, कलारत्न पी.एन. चोयल सम्मान डॉ कनु प्रिया-वाराणसी, कलागुरु प्रो. देवकीनंदन शर्मा सम्मान प्रीती पोतदार जैन-भोपाल एवं कलागुरु वेदपाल शर्मा “बन्नुजी” सम्मान आशा ललवानी-जोधपुर को पुरस्कृत किया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि पिछले वर्ष प्रारम्भ हुई इस ऑनलाइन लघु चित्रण कार्यशाला का यह दूसरा संस्करण था। इसमें चयनित चित्रकार अपने-अपने क्षेत्र की पारंपरिक लघु चित्रण शैलियों की चित्रण तकनीक का अपने चित्रण में समावेश करते हुए अपने आस-पास घटित घटनाओं और कल्पनाओ के आधार पर अपनी शैली में समसामयिक विषयों पर चित्रण किया, जिससे नई पीढ़ी के चित्रकारों को देश की विभिन्न लघु चित्रण शैलियों की चित्रण तकनीक को समझने एवं उससे प्रेरणा लेकर अपना सृजन करने की प्रेरणा मिले।
राजस्थान ललित कला अकादमी के सचिव रजनीश हर्ष ने बताया कि इस कार्यशाला में देश भर से बहुत चित्रकारों ने आवेदन किया जिनमें से कलावृत्त द्वारा गठित तीन वरिष्ठ चित्रकारों की चयनसमिति चित्रकारों के चित्रण कार्य, विषय एवं तकनीक के आधार पर 151 चित्रकारों का चयन किया गया था। अकादमी भी राजस्थान की लघु चित्रण शैली के साथ-साथ देश की अन्य लघु चित्रण शैलीयों के उत्थान के लिए सदैव तत्पर और प्रयासरत हैं। जो दिन-दिन लुप्त होती जा रही है। उन्होंने सभी चयनित चित्रकारों को बधाई देते हुए कहा कि पूर्व की भांति इस बार भी देशभर के चित्रकारों का उत्कृष्ट और विषय प्रधान चित्रण कार्य देखने को मिला यह कला जगत एवं पारम्परिक लघु चित्रण के लिए बहुत सुखद स्तिथि है।
कलावृत्त के सह-सचिव दिगंत शर्मा ने बताया कि कार्यशाला में सृजित श्रेष्ठ चित्रों को चुनने के लिए गठित समिति में दिल्ली से प्रेम सिंह, बंगाल से अशोक हाज़रा, कलकत्ता से अतीन बसाक एवं राजस्थान से अब्बास बाटलीवाला ने मिलकर चित्रों का चयन किया। शेष चित्रों में से 24 चित्रों का वर्ष 2022 के कैलेंडर के लिए भी चयन कर डिजिटल फॉर्मेट में प्रकाशित किया जाएगा। अन्य सभी चित्रकारों को प्रतिभागिता के लिए डिजिटल प्रमाण-पत्र दिए जायेंगे।