जल दक्षता को उन्नत कर अपशिष्ट जल प्रबंधन प्रणाली को इंटीग्रेट करने के लिये मिला पुरस्कार
हिन्दुस्तान जिंक 2.41 गुना वॉटर पॉजटिव कंपनियों में है शामिल
उदयपुर। जल प्रबंधन में उत्कृष्टता के लिए 15 वें सीआईआई राष्ट्रीय पुरस्कारों में हिन्दुस्तान जिंक के दरीबा स्मेल्टर कॉम्प्लेक्स को ‘विदिन न फैंस‘ श्रेणी में विजेता घोषित किया गया है।
सीआईआई इंटरनेशनल वाटर समिट के दौरान राजीव गांधी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आयोग के चेयरमैन डॉ अनिल काकोडकर के नेतृत्व में गठित ज्यूरी ने दरीबा स्मेल्टर कॉम्प्लेक्स को वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर यह अवार्ड दिया। यह पुरस्कार उन संगठनों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने जल दक्षता के मामले में उल्लेखनीय प्रगति की है और अपशिष्ट जल प्रबंधन में एकीकृत प्रणाली लागू की है जिसमें औद्योगिक अपशिष्टों का पुनर्चक्रण, पुनर्प्राप्ति और पुनरू उपयोग शामिल है।
हिन्दुस्तान जिंक के लिए पानी का समुचित उपयोग एवं पुनर्चक्रित पानी का उपयोग करना वाटर स्टीवर्डशिप के प्रति अपनी पहल के रूप में प्राथमिकता दर्शाता है। हिन्दुस्तान जिंक मुख्य रूप से स्थायी जल प्रबंधन के दो क्षेत्रों में जल दक्षता बढ़ाने और जल संसाधनों के लाभ और उपलब्धता में सुधार के लिए दूसरों के साथ काम करने पर विशेष ध्यान केन्द्रित करता है।
कंपनी ने फ्रेश वाटर के उपयोग में 25 प्रतिशत की कमी कर 2025 तक पांच गुना वाटर पॉजीटिव कंपनी होने का दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित किया है। हिन्दुस्तान जिंक अत्याधुनिक तकनीकों जैसे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) और पेस्ट फिल प्लांट ने पानी के पुर्नउपयोग और पुनर्चक्रण को बढ़ाया है। कंपनी ने संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट वाटर एक्शन प्लेटफॉर्म का समर्थन करने का भी वादा किया है। जो वाटर मैंडेट के रणनीतिक ढांचे और सिक्स कोर जल प्रबंधन तत्वों को अपनाने और लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।