जावर ग्रुप ऑफ माइंस में मशीनरी के सुरक्षा पहलू पर कार्यशाला
सुरक्षा प्रशिक्षण के साथ विकास गतिविधियां, इंडक्शन सेफ्टी ट्रेनिंग, ऑन द जॉब सेफ्टी ट्रेनिंग, सेफ्टी फील्ड ऑडिट की दी जानकारी
उदयपुर। देश की सबसे बड़ी और विश्व की अग्रणी एकीकृत सीसा-जस्ता और चांदी उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक द्वारा खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) के साथ गुरुवार को जावर ग्रुप ऑफ माइंस में आदर्श सप्ताह आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया। कंपनी की ओर से अंडरग्राउंड धातुमय खदानों में डीजल मशीनरी के सुरक्षा पहलू पर एक कार्यशाला भी हुई। मुख्य अतिथि डीजीएमएस (उत्तरी क्षेत्र) के उपमहानिदेशक सतीश डी. चिद्दारवार थे। विशिष्ट अतिथि हिन्दुस्तान जिंक के सीईओ श्री अरूण मिश्रा थे। अन्य अतिथियों में डीजीएमएस के वरिष्ठ अधिकारी, हिन्दुस्तान जिंक के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। भूमिगत खदानों में सुरक्षा के महत्वपूर्ण विषय पर आयोजित इस कार्यशाला में विभिन्न सरकारी संस्थानों, व्यापारिक संस्थानों, उद्योगों से अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया।
केन्द्र सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा 7 से 13 मार्च तक देश की आजादी को 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है जो भारत के गौरवशाली इतिहास और भाषा, संस्कृति और लोेगों की अनूठी विविधता का सम्मान करने की एक पहल है। इसे मनाने का उद्देश्य सामुदायिक जुड़ाव बनाने, सामाजिक संपर्क बढ़ाने और भारत की समृद्ध संस्कृति की खोज है। हिन्दुस्तान जिंक ने अपनी स्थापना के बाद से ही सुरक्षा पर जोर देते हुए भूमिगत धातुमय खदानों में डीजल मशीनरी के सुरक्षा पहलुओं पर शिक्षित करने की पहली की है।
हिन्दुस्तान जिंक के सीईओ अरूण मिश्रा ने कहा कि तीन एस सेफ्टी, सस्टनेबिलिटी और स्मार्ट माइनिंग हमारी अविश्वसनीय प्रतिबद्धता हमें रिकॉर्ड वाल्यूम के रूप् में असाधारण परिणाम देने में सक्षम बनाती है। हिन्दुस्तान जिंक में सुरक्षा प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित है जो यात्रा प्रबंधन में मदद करती है और मानव मशीन के संपर्क को कम करती है। जैसा कि हम देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत कर राष्ट्र के विकास में सहायता करते हैं। हिन्दुस्तान जिंक में स्वास्थ्य और सुरक्षा का अपना ही महत्व है।
उप खान सुरक्षा महानिदेशक (उत्तर और उत्तर पश्चिम क्षेत्र) सतीश डी. चिद्दारवार ने आजादी के अमृत महोत्सव के इस प्रतिष्ठित समारोह में हिन्दुस्तान जिंक के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था की आधार शिला खनन होने, खनन क्षेत्र में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढ़ाने, रोजगार के अवसर पैदा करने, और 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के भारत के सपने को साकार करने की क्षमता पर पर भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने भारत की विकास यात्रा के अगले चरण में खनन क्षेत्र के महत्व पर जोर देते हुए महिलाओं को खनन उद्योग का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया और बुनियादी ढांचे को समर्थन देने के लिए क्षेत्र के काम करने के तरीके पर बल दिया।
पिछले कुछ वर्षों में हिन्दुस्तान जिंक ने स्वास्थ्य और सुरक्षा पर अपना ध्यान केन्द्रित किया है। कंपनी ने कई अद्वितीय सुरक्षा उपायों को भी लागू किया है जो डिजिटलाइजेशन का उपयोग करते हैं। इससे सुरक्षा, परिचालन दक्षता और डिजीटल मानकों को बढ़ाने की अनुमति मिलती है। इसके अलावा कंपनी के पास भारत का अपनी तरह का पहला भूमिगत प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र है। केन्द्र आधुनिक चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित है जो आपात स्थिति में आवश्यक जीवन रक्षक सहायता प्रदान कर सकता है। विभिन्न परिचालन स्थानों पर कंपनी सुरक्षा प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रम जैसे इंडक्शन सेफ्टी ट्रेनिंग, ऑन द जॉब सेफ्टी ट्रेनिंग, सेफ्टी टाउनहॉल और सेफ्टी ऑडिट भी आयोजित करती है।
राष्ट्र निर्माण बिन्दु जैसे रोजगार सृजन, प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 184 गांवों के 7 लाख लोगों के जीवन की देखभाल, सामाजिक रूप से जिम्मेदार कॉर्पाेरेट के रूप् में हिन्दुस्तान जिंक सीएसआर के माध्यम से ग्रामीण और आदिवासी लोगों के जीवन को बेहतर करने के लिए लगातार काम कर रहा है और वर्तमान में करीब सात लाख लोगों तक पहुंच रहा है। कंपनी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप् से ग्रामीण और आदिवासी लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करती है। इसके पास करीब 25 हजार लोगों का कार्यबल है और राष्ट्र के साथ साथ प्लांट संचालन के आसपास के लोगों के विकास में भी मदद करती है।