पेसिफिक विश्वविद्यालय में आईक्युएसी के अन्तर्गत लीन सिक्स सिग्मा का प्रशिक्षण का दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत 80 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
पेसिफिक विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में उद्घाटन सत्र में पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रेसीडेन्ट प्रो. के.के. दवे ने बताया कि आज औद्योगिक जगत के कई क्षेत्रों में इस प्रणाली का काफी महत्व है। जिसमें सिक्स सिग्मा को उत्पादन प्रक्रिया में सुधार और दोष को दूर करने के लिए और कार्यपद्धति को सही तरीके से सुचारू करने के लिए विकसित किया जाता है। पी.जी. स्टडीज के डीन प्रो. हेमन्त कोठारी ने बताया कि सिक्स सिग्मा प्रणाली का उपयोग औद्योगिक क्षेत्र में क्वालीटी इंप्रुवमेंन्ट मंे बहुत ही उपयोगी है।
फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट कि डीन प्रो. महिमा बिड़ला ने बताया कि पेसिफिक आईक्युएसी के अन्तर्गत अलग-अलग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करता रहा है। जिसमें व्यवसाय एवं प्रशिक्षण के द्वारा उसके मापदण्ड, विश्लेषण करना, सुधारना और नियंत्रण करना एवं निरंतर गुणवत्ता सुधार, ग्राहकों के दोष को दुर कर संतुष्टि प्रदान करना आदि पर जौर दिया जाता है।
एक्सटेशन एमएसएमई उदयपुर के उपनिदेशक पी.आर. जोशी ने व्यावसायिक प्रतियोगिता में सिक्स सिग्मा को पांच अलग-अलग चरणों के साथ संपर्क किया जा सकता है जहां समस्याओं की पहचान कर मापा व विश्लेषण किया जाता है, समाधान में सुधार किया जा सकता है और अंत में प्रक्रिया को नियंत्रित किया जा सकता है यह देखते हुए कि प्रक्रिया नियंत्रण में है या नहीं। यहां इस्तेमाल किए गए उपकरण युग्मित नमूना टी परीक्षण, स्कैटर आरेख, पारेतो आरेख आदि हैं। नियंत्रण चरण सुधार रखने में मदद करता है। नए तरीकों को अपनाने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित करें। सिक्स सिग्मा का उपयोग किसी भी क्षेत्र जैसे मानव संसाधन, विपणन, वित्त, आदि में किया जा सकता है। प्राथमिक, माध्यमिक निर्माण, सेवा उद्योग जैसे किसी भी प्रकार के उद्योग में उपयोग किया जा सकता है। व्यावसायिक विकास में सिक्स सिग्मा लाभ, प्रतिस्पर्धियों से आगे व्यापार प्रदर्शन का विश्लेषण, समस्या के मुख्य चालकों की खोज में मदद करता है। कार्यक्रम के अंत में समन्वयक डा. मनुज जोशी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।