कंपनी संसाधनों के संरक्षण, पर्यावरण को शून्य क्षति और पारिस्थितिकी तंत्र संवर्धन हेतु प्रतिबद्ध
सतत विकास हिन्दुस्तान जिंक के संचालन का मूल सिद्धांत है जिसके लिये कंपनी इस वर्ष के पृथ्वी दिवस की थीम हमारे ग्रह में निवेश को सुनिश्चित करती है। कंपनी ने 2025 तक सस्टेनेबल लक्ष्यों को निर्धारित करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया है और अगले पांच वर्षों में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में इसकेे विस्तार पर ध्यान देगी। सस्टेनेबल लक्ष्यों के अनुरूप हिन्दुस्तान जिंक शून्य क्षति, पारिस्थितिकी तंत्र संवर्धन हेतु नवाचार, संसाधनों के संरक्षण, स्वास्थ्य सुधार, सुरक्षा और इसके संचालन में स्थिरता को बढ़ावा देता है। कंपनी पांच प्रमुख तत्वों पानी, जलवायु परिवर्तन, अपशिष्ट, उर्जा और जैव विविधता प्रबंधन पर अपना ध्यान केन्द्रित कर प्रत्येक क्षेत्र के लिए लक्ष्य निर्धारित करती है साथ ही प्रक्रिया और प्रौद्योगिकी में सुधार के लिए प्रयासों को निर्देशित करती है।
बूंद बूद से बनता है सागर
जल एक मूलभूत आवश्यकता है जिसके संरक्षण के साथ उचित प्रबंधन के लिए अधिकतम प्रयासों की आवश्यकता है। हिन्दुस्तान जिंक जल के विवेकपूर्ण उपयोग और उसके संरक्षण के महत्व को समझता है और उत्कृष्ट प्रयास करता है। कंपनी कम से कम पानी के उपयोग से काम होने वाली अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर ताजे पानी के उपयोग को कम करना और अधिक से अधिक जल पुनर्चक्रण कर जल उपयोग दक्षता को बढ़ाने और सुधारने के प्रयास कर रही है।
वॉटर पॉजीटिव कंपनी के रूप में हिन्दुस्तान जिंक उदयपुर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट संचालित करता है। वर्तमान में 60 एमएलडी क्षमता के साथ शहर के लगभग सभी सीवेज का उपचार कर सकता है और संसाधित पानी वितरित कर सकता है जिसे कंपनी के संयंत्र में पुर्नउपयोग किया जा रहा है। जिंक स्मेल्टर देबारी में कंपनी का आरओ-जेडएलडी संयंत्र अपशिष्ट को समाप्त करता है और कंपनी के संचालन में पुर्नउपयोग के लिए पानी का पुनर्चक्रण करता है।
हिन्दुस्तान जिंक द्वारा शुरू किया गया जल संरक्षण का एक और उल्लेखनीय प्रयास कंपनी की रामपुरा आगूचा खदान में वर्षाजल संचयन संरचनाएं है। ये संरचनाएं वर्षा के जल को संचित कर सक्षम बनाती है और स्थानीय वाटरशेड में पानी को भरने में मदद करती है ताकि हिन्दुस्तान जिंक को ताजे पानी की खपत को कम करने में मदद मिल सके।
जलवायु परिवर्तन चुनौती हेतु प्रयास
जलवायु परिवर्तन और मौसम में बदलाव की प्रवृत्ति का हमने प्रमुख चुनौती के रूप में सामना किया है। हिन्दुस्तान जिंक ने जलवायु परिवर्तन के समाधान की दिशा में प्रमुख कदम उठाए हैं। समर्पित पर्यावरणीय सस्टेनेबल प्रयासों ने सीओपी 26 के एजेन्डे को आकार देने के लिए सीओपी 26 बिजनेस लीडर की भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया है।
कंपनी ने वैश्विक जलवायु रिपोर्टिंग के सवोत्तम अभ्यास के साथ अपनी रिपोर्टिंग प्रक्रिया को संरेखित करने के लिए टीसीएफडी सिफारिशों और मार्गदर्शन के आधार पर जलवायु से सम्बन्धित वित्तीय प्रकटीकरण रिपोर्ट पर अपना पहला टास्क फोर्स लांच किया। जलवायु परिवर्तन से मुकाबाले में सहायता करने की अपनी प्रतिबद्धता का पालन करते हुए हिन्दुस्तान जिंक विज्ञान आधारित लक्ष्य पहल (एसबीटीआई) के साथ संरेखण में 2050 तक शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के दीर्घकालिक लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है।
पर्यावरणीय स्थिरता की बहुआयामी खोज को प्रमुखता देते हुए हिन्दुस्तान जिंक के लिये जैव विविधता संरक्षण हरित प्रयासों का एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसके लिए हिन्दुस्तान जिंक नेचर रिलेटेड फाइनेंशियल डिस्क्लोजर (टीएनएफडी) फोरम पर टास्क फोर्स में शामिल हुआ और पार्टनर इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर के साथ तीन वर्षो के लम्बे जुड़ाव में साथी बना।
इस सम्बन्ध में हिन्दुस्तान जिंक सड़कों के निर्माण के लिए संचालन से उत्पन्न कचरे का सद्उपयोग पुनर्निर्माण से करती है। कंपनी के पास प्रोसेस वेस्ट से पेवर ब्लॉक के निर्माण के लिए अमेरिकी पेटेंट भी है जो अपने समुदायों के लिए आजीविका का अवसर उत्पन्न करने का अनूठा मॉडल है।
संचालन के लिए स्मार्ट समाधान
2050 तक कार्बन न्यूट्रीलिटी हासिल करने के अपने सपने को साकार करने के लिए हिन्दुस्तान जिंक बैंचमार्क वैश्विक प्रथाओं में नवीनतम तकनीकों में निवेश एवं विषय विशेषज्ञों को जोड रहा है। कंपनी की अपने खनन कार्यों को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए एक बिलियन डॉलर का निवेश की योजना है। इस संबंध में कपनी ने भूमिगत खदानों में उत्पादन और फ्रंट लाइन सर्विसिंग के लिए ईवी को तैनात करने के लिए नॉर्मेट ग्रुप ओये और एपिरोक ड्रिल्स एबी के साथ एमओयू किया है।
हिन्दुस्तान जिंक डी कार्बोनाइजेशन की यात्रा को बिजली के विकल्पों के साथ भूमिगत फ्रंटलाइन वाहनों को बदलने की जरूरत समझता है और सुरक्षा कर्मचारियों, यात्री ईवी और खदानों के लिए भूमिगत सेवा ईवी के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर भी उपलब्ध कराए है।
कंपनी इस तथ्य के प्रति सचेत है कि अक्षय उर्जा पर स्विच करने से कार्बन उत्सर्जन को आधा करने में मदद मिलती है और गलाने के संचालन के लिए अक्षय उर्जा में 350 करोड़ की निवेश परियोजना शुरू की है। इस लक्ष्य के लिए कंपनी ने 200 मेगावॉट की क्षमता तक दीर्घकालिक समूह कैप्टिव अक्षय उर्जा विकास योजना में निवेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।