163 से ज्यादा स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों ने लिया भाग
उदयपुर। पीपीएच (पोस्टपार्टम हैम्रेज), भारत में मातृत्व मृत्यु का सबसे बडा कारण है जो एक सामान्य जटिलता है। साथ ही सुरक्षित मातृत्व के लिए प्रसवोत्तर रक्तस्त्राव को रोकना सबसे बड़ी चुनौती है। पीपीएच (पोस्टपार्टम हैम्रेज) को रोकने के लिए स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ को समय-समय पर अपने आप को नई तकनीको से अपडेट रहना चाहिए। और इसी के लिए पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की ओर से पीपीएच ( पोस्टपार्टम हैम्रेज) प्रबंधन एवं नई तकनीकों पर लाइव प्रसूति कार्यशाला का आयोजन किया गया।
स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाघ्यक्ष एवं कार्यशाला की चेयरमेन डॉ.राजरानी शर्मा ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.लाखन पोसवाल,आईएमए उदयपुर के प्रिसिडेन्ट डॉ.आनन्द गुप्ता,विशिष्ट अतिथि डॉ.शर्मिला कर्णा,पीएमसीएच के चेयरमेन राहुल अग्रवाल,पीएमयू के वाइस चॉसलर डॉ.ए.पी.गुप्ता,पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ.एम.एम.मगल एवं पीएमसीएच के सीईओ शरद कोठारी ने किया।
डॉ.राजरानी ने बताया कि वर्कशॉप में पीपीएच की रोकथाम के लिए अहमदावाद से आए गेस्ट फैकल्टी डॉ. महेश गुप्ता द्वारा सी.ओ.एम.ओ.जी और सी.आई.एम.जी तकनीक के द्वारा लाइव ऑपरेशन दिखाए गए। इस जीवृन्त वर्कशॉप के माध्यम से पीपीएच (पोस्टपार्टम हैम्रेज) को कैसे प्रसूति के समय नियत्रित किया जाए जिससे इस कारण होने वाली मृत्युदर को रोका जा सके एवं जच्चा -बच्चा को सुरक्षित स्वास्थ्य लाभ मिल सके। इस कार्यशाला में उदयपुर संभाग एव आस पास के विभिन्न क्षेत्रों के 163 से ज्यादा स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया।