उदयपुर। देश की एकमात्र जिंक-लेड-सिल्वर उत्पादक वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक को अक्टूबर में पुरस्कार समारोह के तीसरे संस्करण में क्लाइमेट एक्शन प्रोग्राम 2.0° मेे ओरिएंटेड अवार्ड से सम्मानित किया गया। ऊर्जा, खनन और भारी विनिर्माण श्रेणी में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा नई दिल्ली में आयोजित समारोह में संरेखित रणनीतियाँ, जलवायु सरंक्षण के प्रबंधन का हिस्सा होने, और ग्रीन-हाउस गैस लक्ष्य भविष्यवादी होने की उपलब्धियों के कारण यह पुरस्कार प्रदान किया गया। सलाहकार प्राकृतिक संसाधन और जलवायु परिवर्तन नीति आयोग अविनाश मिश्रा, सीएपी 2.0 डिग्री कार्यक्रम के विजेताओं को पुरस्कृत किया।
हिंदुस्तान जिंक सस्टेनेबल भविष्य के लिए नवाचार में विश्वास करता है और लगातार अपने व्यवसाय के संचालन में अधिक जिम्मेदार होने के तरीकों की तलाश करता है। कंपनी ने अपने लिए स्थिरता विकास लक्ष्य 2025 निर्धारित किए हैं, जहां कंपनी अपने जलवायु शमन जोखिम प्रयासों के हिस्से के रूप में आधार वर्ष 2017 से अपने संचालन में 0.5 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन बचत का लक्ष्य रखा है। कंपनी 2050 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस उपलब्धि के अवसर पर हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा,कि सीएपी 2.0° क्लाइमेट एक्शन प्रोग्राम का हिस्सा बनने पर हमें प्रसन्नत है। हिंदुस्तान जिंक में हम अपने परिचालन के सभी पहलुओं में स्थिरता की दृष्टि से प्रेरित हैं। विश्व स्तर पर महसूस किए जा रहे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से स्पष्ट है कि हमारा ग्रह कितना संवेदनशील है और एक समृद्ध, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल भविष्य के निर्माण की दिशा में सकारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है और यह प्रतिबद्धता निस्संदेह हमें ऐसा करने में लाभदायक होगी।
हिंदुस्तान जिंक का इस अवार्ड हेतु मूल्यांकन किया गया, जिसमें सीआईआई-प्रमाणित मूल्यांकनकर्ताओं की टीम द्वारा साइट पर छह महीने की अवधि में यह प्रक्रिया पूर्ण की गयी। आवेदकों की अंतिम शॉर्टलिस्ट की देखरेख एक स्वतंत्र गैर-उद्योग-आधारित जूरी द्वारा की गई, जिन्होंने विजेताओं का निर्णय किया।
सीओपी26 बिजनेस लीडर के रूप में, हिंदुस्तान जिंक हमेशा जलवायु परिवर्तन के नतीजों से बचाव की दिशा में सक्रिय रूप से पहल करता रहा है। कंपनी विश्व स्तर पर केवल दो खनन कंपनियों में से एक है और प्रतिष्ठित सीडीपी (कार्बन डिस्क्लोजर प्रोजेक्ट) ए श्रेणी 2020 का हिस्सा बनने वाली केवल चार भारतीय कंपनियों में से है। कंपनी ने 2025 के लिए अपने स्थिरता लक्ष्यों की दिशा में पर्याप्त प्रगति की है और है अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की रक्षा करने, अपने पूरे जीवनचक्र में पर्यावरण पर इसके प्रभाव को कम करने, मानवाधिकारों का सम्मान करने और समुदाय के साथ लाभ साझा करने के लिए प्रतिबद्ध है।