पेसिफ़िक इंस्टीट्यूट ऑफ़ बिज़नेस स्टडीज़ में ऑनलाइन वित्तीय फ्रॉड और स्कैम से बचाव और जागरूकता के लिए सेमिनार का आयोजन हुआ। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक उमेश पाटिल ने मुख्य वक्ता के रुप में अपने विचार रखते हुए विभिन्न ऑनलाइन फ्रॉड के प्रकारों की जानकारी दी।
एसएमएस तथा व्हाट्सएप के माध्यम से किसी भी ललचाने वाले जॉब ऑफर, लॉटरी इत्यादि की जानकारी दी जाती है; साथ ही एक लिंक भी शेयर किया जाता है। जैसे ही व्यक्ति इस लिंक पर क्लिक करता है उसे कुछ सूचनाएं भरने को कहा जाता है और इसी के अंतर्गत कई गोपनीय सूचनाएं भी प्राप्त कर ली जाती है जिसके माध्यम से आगे उनका बैंक बैलेंस साफ कर दिया जाता है।
कई बार देखा गया है कि फेसबुक की आईडी प्रोफाइल को बदलकर व्यक्ति के रिश्तेदारों और मित्रों को आर्थिक सहायता देने के लिए मैसेज भेज दिए जाते हैं। कुछ मित्र व रिश्तेदार भावनावश पैसे ट्रांसफर भी कर देते हैं और फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं। फेसबुक पर की जाने वाली किसी भी वित्तीय अपील पर कोई ध्यान नहीं देना चाहिए। यदि कोई बहुत मार्मिक अपील भी हो तो पहले अपने मित्र से फोन पर इस विषय में स्पष्टीकरण ले लेवे तभी कोई कदम उठावें।
ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले आजकल बेरोजगार युवाओं तथा गृहणियों को विशेष निशाना बना रहे हैं। वे उन्हें घर बैठे 2 से 4 घंटे काम करके प्रतिदिन 500 से 2000 कमाने का लालच देते हैं। कुछ प्रोसेसिंग शुल्क या रजिस्ट्रेशन शुल्क चार्ज करते हैं और उन्हें एक डाटा एंट्री से संबंधित कार्य सौंप देते हैं जो कि निर्धारित अवधि में करना होता है। इसके पश्चात वह काम में बहुत सी गलतियां निकालकर रजिस्टर्ड युवा और गृहणी पर हरजाना वसूल करने का दबाव डालते हैं और मना करने पर कानूनी कार्यवाही करने की धमकी देते हैं। इस प्रकार के ऑनलाइन कार्य के प्रलोभन से दूर रहना ही श्रेष्ठ है।
कई बार फर्जी ऑनलाइन ट्रेडिंग वेबसाइट पर भी ग्राहक पेमेंट कर देते हैं और उन्हें उत्पाद नहीं मिलता है या सही उत्पाद नहीं मिलता। ऐसे में यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि कंपनी की वेबसाइट प्रामाणिक हो उसका यूआरएल देखने से ही यह ज्ञात हो जाता है कि वह प्रामाणिक है अथवा किसी अन्य वेबसाइट के माध्यम से संचालित की जा रही है। इस प्रकार के फर्जी ई-कॉमर्स साइट कैश ऑन डिलीवरी का विकल्प नहीं देती है, उनके कस्टमर केयर के नंबर भी मोबाइल नंबर ही होते हैं या 1800 से आरंभ होने वाले टोल फ्री नंबर नहीं होते हैं। यह एक बड़ा संकेत है जो यह दर्शाता है कि इस ई-कॉमर्स वेबसाइट से सौदा करने में खतरा है।
प्राचार्य डॉ. अनुराग मेहता ने बताया कि आजकल कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव के बड़े ही तार्किक से प्रतीत होने वाले कॉल आते हैं जिन पर की आपसे केवाईसी संबंधित जानकारी मांगी जाती है ताकि आपका क्रेडिट कार्ड या पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, एटीएम कार्ड अपडेट किया जा सके। भूलकर भी इस प्रकार की जानकारी, अपने कार्ड का नंबर उसका पासवर्ड या ओटीपी साझा नहीं करना चाहिए अन्यथा बड़ी आर्थिक हानि हो सकती है। डॉ. मेहता ने विद्यार्थियों से सजग रहने तथा इस जानकारी को अपने सभी मित्रों, रिश्तेदारों व परिजनों के साथ साझा करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि जहां कहीं भी जरूरत से अधिक लाभ हो वहां संशय अवश्य करना चाहिए और यही फ्रॉड से बचने का एक उत्तम तरीका है।