उदयपुर। द एण्डोक्राइन एंड डायबिटीज रिसर्च ट्रस्ट और डायबिटीज वेलफेयर सोसायटी के तत्वावधान में शनिवार से रामपुरा रोड स्थित बेम्बूसा रिसॉर्ट में दसवीं एण्डो-डायकोन 2022 दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इसमें न सिर्फ संभाग वरन् राज्य भर से प्रतिभागी एवं विषय विशेषज्ञों के रूप में एम्स नई दिल्ली, पीजीआई चण्डीगढ़, कोलकाता, कानपुर आदि से विशेषज्ञ भाग लेंगे।
ट्रस्ट के चेयरमैन डॉ. डीसी शर्मा ने आज यहां पत्रकार वार्ता में बताया कि प्रतिवर्ष होने वाली ये सेमिनार इस बार दो वर्ष बाद हो रही है। इसलिए सभी में इसके प्रति उत्साह है। इसमें कुल 12 सत्र होंगे जिसमें प्रत्येक सत्र में 3 से 4 लेक्चर होंगे। इसकी थीम बैंच टू बेडसाइड रखी गई है। डायबिटीज में नित नई आने वाली दवाएं, नए अनुसंधान, शोध पर सेमिनार में चर्चा की जाएगी। मशीन से डायबिटीज के उपचार पर चर्चा की जाएगी। हार्मोन्स पर पूरा एक सत्र होगा जिसमें नई दवाओं पर चर्चा की जाएगी।
उन्होंने बताया कि थायराइड, प्रजनन हार्मोन सत्र होगा। इसके दौरान छह केस स्टडीज भी शामिल हैं जिन पर चर्चा की जाएगी। इसका इनफर्टिलिटी पर प्रभाव, स्त्री-पुरूषों के हार्मोन्स में बदलाव पर भी विचार किया जाएगा। इस दौरान टारगेटेड ऑडियंस फिजिशियंस, पीडियाट्रिशियन और गायनेकोलोजिस्ट हैं। प्रतिवर्ष विश्व डायबिटीज डे पर भी ट्रस्ट द्वारा कार्यक्रम किए जाते हैं।
डॉ. शर्मा ने एक प्रश्न के जवाब में बताया कि प्रतिवर्ष हार्मोन्स में बदलाव हो रहे हैं। पहले बच्चों की हार्मोन बदलाव की औसत उम्रं 12 से 13 वर्ष मानी जाती थी जो अब किसी किसी मामले में तो 8 वर्ष भी हो गई है। यह सब न्यूट्रीशंस के कारण हो रहा है। उन्होंने कहा कि डायबिटीज टाइप वन को जड़ से खत्म करने का दावे को ऐलोपैथी नहीं मानती। टाइप टू में भी कम हो सकती है। डायबिटीज रिवर्सल पर भी सेमिनार में एक विशेष सत्र रखा गया है।