नवीं उदयपुर कोर्स ऑन न्यूरोसाइंस 2022
उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के पेसिफिक सेन्टर ऑफ न्यूरो साईन्सेस की ओर से कान्फ्रेंस, 9वें उदयपुर कोर्स ऑन न्यूरो साईन्सेस -2022 में दूसरे दिन भारत के विख्यात चिकित्सा अनुसंधान ससंस्थान मेदांता, एम्स व जी. बी. पन्त नई दिल्ली के मस्तिष्क रोग विशेषज्ञों ने सिरदर्द, मूवमेंट डिसऑर्डर, पार्किन्सन तथा न्यूरो इम्यूनोलॉजी पर अपने गए अनुसन्धानों एवं अनुभवों को साझा किया।
इस दौरान डॉ. रोहित भाटिया ने न्यूरो इम्यूनोलॉजी में हाल ही में हुए नवीन परिवर्तनों जिनसे मल्टीपल स्क्लेरोसिस के रोगीयों के डाइग्नोस्टिक व उपचार प्रबंधन में सहायता मिलती है,ऑटो इम्यून एनकेफेलीटिस व ऐपीलेप्सी के रोगियों के अनुभव बताये,न्यूरो इम्यूनोलॉजी के रोगों के उपचार के लिए काम ली जाने वाली विशेष न्यूरो मोडूलटिंग ड्रग्स के प्रभावों के बारे में चिकित्सकों को बताया।
डॉ. मीना गुप्ता ने विभिन प्रकार के सिरदर्द के रोगीयों को कैसे पहचाने तथा प्राइमरी सिदर्द के कारणों व उपचार के बारे में बताया साथ ही इसके बचाब पर विस्तार से बताया। डॉ. प्रवीण सुराणा ने सिरदर्द के फार्माकोलॉजी व नॉन फार्माकोलॉजी प्रबंधन के बारे मे जानकारी दी।
डॉ. विनय गोयल ने विभिन्न प्रकार के मूवमेंट डिसऑर्डर व पार्किन्सन के केस स्टडी के बारे में चिकित्सकों को बताया साथ ही विभिन्न प्रकार के मूवमेंट डिसऑर्डर के रोगियों को कैसे पहचाने की जानकारी दी साथ ही इसके लिए कौन कौन सी जाँच कराई जानी चाहिए, के बारे में विस्तार बताया।
रोगियों के उपचार की भिन्न भिन्न प्रणाली के बारे मे जानकारी दी। बोटॉक्स के लगाए जाने के लिए किए इंडिकेशन फॉलो किये जाने चाहिए तथा कुछ रोगियों पर बोटॉक्स लगा कर चिकित्सकों को बताया । पार्किन्सन डिसऑर्डर के उपचार में हुए नवीन प्रगतियों पर प्रकाश डाला।
डॉ अतुलाभ वाजपेयी ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस के मुख्य उद्देश्य राजस्थान के चिकित्सकों को चिकित्सा जगत में हो रहे नवीन प्रगति अनुसंधान से रुबरु करना था जिससे राजस्थान के आमजन को लेटेस्ट जाँचो व उपचार मस्तिष्क रोगों में अपने ही ग्राम व शहर में मिल सके।
गौरतलब है कि पेसिफिक सेन्टर ऑफ न्यूरो साईन्सेस डॉ अतुलाभ वाजपेयी जिन्होंने प्रदेश के लकवा रोगियों के लिए एंजियोग्राफी पर आधारित स्ट्रोक का इलाज सर्वप्रथम शुरू किया ने बताया कि विगत 20 वर्षों में उनके द्वारा लकवे की जांच के लिए बहुत ही सस्ता ब्लड टेस्ट देश में प्रथम बार उपलब्ध कराया जिससे की लकवा कितना गंभीर के बारे में पता कर उसका तुरन्त उपचार हो सके, साथ ही मस्तिष्क में रक्त के थक्के में मेटैजिनोमिक अध्ययन के माध्यम से 27 से अधिक जीवाणु की खोज की जिससे आने वाले समय में मस्तिष्क के उपचार में मदद मिलेगी।
पीसीएनएस के डॉ. वाजपेयी एवं उनकी टीम के द्वारा मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं में रुकावट की गंभीरता को पता लगाने के लिए प्लॉक स्टडी का प्रयोग किया गया जिससे पता चला कि सिर्फ ब्लॉकेज से ही हार्ट हार्ट अटैक और लकवा नहीं होता। डॉ. वाजपेयी द्वारा लकवा एवं मस्तिष्क रोगों में बिंद्रा नामक शब्द की स्थापना की गई जो कि आधुनिक प्रतिष्ठित जनरल में प्रकाशित की जा चुकी है।